भोपाल। विधानसभा चुनावी समर में इस बार वायरल वीडियो, अॉडियो और पत्रों का बहुत जोर है। शुक्रवार को आरएसएस के वायरल पत्र ने राजनीति में खलबली मचा दी। जिसके बाद अब संघ की ओर से इस पत्र को लेकर सफाई दी गई है। कथित पत्र को संघ ने पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। पत्र में कही गई बातों से संघ का कोई संबंध नहीं है। संघ कभी भी इस प्रकार का कोई सर्वे नहीं करता है। संघ की रचना में ‘दल प्रमुख, सर्वे एवं जनमत’ जैसा कोई पद या दायित्व भी तय नहीं है, इसलिए यह पत्र पूरी तरह झूठ पर आधारित है।
जारी बयान में कहा गया है कि शरारती तत्वों ने राजनीतिक लाभ पाने की मंशा से समाज में भ्रम का वातावरण बनाने की दृष्टि से यह फर्जी पत्र बनाया है। जिन लोगों को जनता पर भरोसा नहीं, वह ही इस प्रकार का अनुचित प्रयास कर सकते हैं। संघ इस प्रकार के शरारती प्रयत्नों की निंदा करता है।