भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासनिक अमले में भी फेरबदल जारी है। मंत्री मंडल के गठन होते ही देर रात एक बार फिर बड़े स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी हुई। लंबे समय से भाजपा के राज में कई प्रशासनिक अधिकारियों पर विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगता रहा है। लेकिन सत्ता बदलने के साथ ही अब ऐसे सभी अफसर कांग्रेस नेताओं के निशाना पर हैं। इसकी बानगी बुधवार देर रात हुई बड़ी प्रशासनिक सर्जरी से समझी जा सकती है।
राज्य सरकार ने 16 आईएएस अफसर को तबादले के आदेस कल देर रात जारी किए। इनमें 8 जिलों के कलेक्टर और दो नगर निगम कमिश्नर शामिल हैं। सबसे अधिक चर्चा इंदौर कलेक्टर की हो रही है। निशांत वरवड़े राजधानी भोपाल में भी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में वह इंदौर कलेक्टर के रूप में सेवा दे रहे थे। लेकिन कांग्रेस नेता और वर्तमान कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की नाराजगी उन्हें भारी पड़ गई। वर्मा ने सीएम कमलनाथ से वरवड़े की शिकायत की थी। सीएम कमलनाथ के करीबी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की शिकायत पर निशांत वरवड़े को हटाया गया है। वरवड़े को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक बनाया कर भोपाल बुला लिया गया है।