एमपी के इस कलेक्टर ने किया ऐसा काम, चारों ओर हो रही चर्चा
सीधी।
बीते दिनों मध्यप्रदेश के उमरिया के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने गर्मी से परेशान बच्चों के लिए अपने कमरे और ऑफिस का एसी निकलवाकर पोषण पुनर्वास केंद्र में लगवाकर मिसाल पेश की थी और अब सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह ने भी कुछ ऐसी ही दरियादिली दिखाई है। जिला अस्पताल में बेड ना होने पर उन्होंने अपने घर को ही अस्पताल में तब्दील कर कुपोषित बच्चों भर्ती करा दिया है। यहां बच्चों के साथ साथ उनके खाने पीने की सुविधाएं दी जा रही है। कलेक्टर की इस पहल की चारों ओर चर्चा हो रही है। हर कोई कलेक्टर के इस कदम को सराहनीय बता रहा है।
दरअसल, बुधवार को जिला अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए जिले के करीब 500 एनीमिक बच्चों को लेकर उनके परिजन पहुंचे थे। इनमें से करीब 400 बच्चों को जिला अस्पताल और नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहीं, 100 बच्चों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पाया। कई बच्चों की हालत बिगड़ने लगी जिसका जानकारी कलेक्टर अभिषेक सिंह को दी गई। मौके पर पहुंचे कलेक्टर ने सभी बच्चों को अपने बंगले में भेज दिया और उनके परिजनों के रहने और खाने पीने की व्यवस्था की। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कलेक्टर को बताया गया कि अस्पताल में विशेषक डॉक्टरों की कमी है जिसके बाद कलेक्टर ने संभागायुक्त से चर्चा करके रीवा से करीब 6 टेक्नीशियन को बुलाया। कलेक्टर की इस पहल से गांव से आए बच्चों के परिजन बेहद खुश हैं।
इस पर कलेक्टर सिंह का कहना है कि बच्चों को बिना जांच के कैसे जाने देता इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी मेहनत की है। प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा। प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे को जिला अस्पताल लाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने, रुकने, भोजन तथा वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की है। इलाज के बाद इन्हें घर वापस छोड़ा जाएगा।
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