इंदौर।
इंदौर शहर में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पार्षद भतीजे और महिला सुबेदार के बीच का विवाद अब गहराता जा रहा है। मंत्री वर्मा के बयान के बाद अब सूबेदार का बयान सामने आया है।जिसमें सूबेदार ने पार्षद को चुनौती देते हुए कहा कि अगर पार्षद रिश्वत मांगने का आरोप सिद्ध कर देंगे तो मैं नौकरी से इस्तीफा दे दूंगी। इससे पहले सोमवार को मंत्री वर्मा ने कहा अगर मेरे भतीजे (अभय वर्मा) ने सूबेदार को बालाघाट ट्रांसफर कराने का कहा होगा तो उसका तत्काल इस्तीफा दिलवा दूंगा, अगर आरोप गलत है तो महिला सूबेदार को इस्तीफा देना होगा। सोमवार को सुबेदार और पार्षद के विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
दरअसल, सोमवार को सोशल मीडिया पर एक अन्य वायरल हुए वीडियो में सूबेदार कह रही हैं कि मीडिया रिपोर्ट से उन्हें पता चला कि पार्षद ने उन पर 1000 रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। अगर रुपए मांगे थे तो वे पहले आरक्षक से माफी मांगकर क्यों चले गए थे। आरक्षक पर भी आरोप लगा है कि पैसे मांगने के बाद उसने अपनी नेम प्लेट निकाल ली थी। सूबेदार के मुताबिक घटना को लेकर कई वीडियो वायरल हुए हैं। सभी में सच दिखाई दे रहा है। सूबेदार सोनू वाजपेयी वर्मा को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्षद रिश्वत मांगने ��ा आरोप सिद्ध कर देंगे तो मैं नौकरी से इस्तीफा दे दूंगी।
भतीजे के समर्थम में उतरे मंत्री सज्जन सिंह वर्मा
सोमवार को वीडियो वायरल और विवाद गहराने के बाद मंत्री सज्जन वर्मा अपने भतीजे के समर्थन में उतरे और उन्होंने मीडिया में जारी बयान के द्वारा कहा कि मेरा परिवार संस्कारी है, भतीजा ऐसी हरकत कर ही नहीं सकता। सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान सज्जन वर्मा ने कहा कि अगर मेरे भतीजे (अभय वर्मा) ने सूबेदार को बालाघाट ट्रांसफर कराने का कहा होगा तो उसका (अभय) तत्काल इस्तीफा दिलवा दूंगा, अगर आरोप गलत है तो महिला सूबेदार भी इस्तीफा दे।
ये है पूरा मामला
राजीव गांधी चौराहे पर रविवार सुबह पुलिस का चेकिंग पॉइंट लगा था। यहां महिला सूबेदार सोनू बाजपेयी और आरक्षक विजय चौहान ड्यूटी पर थे। सुबह करीब 11 बजे कांग्रेसी पार्षद और लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे अभय वर्मा अपनी कार से चौराहे से गुजरे। उन पर गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने का आरोप लगाकर जवान ने उनकी गाड़ी रोकी और किनारे खड़ी करने का कहा। महिला सूबेदार सोनू वाजपेयी ने गाड़ी के कागज मांगे तो अभय बौखला गए। उन्होंने मोबाइल पर बात करने से इनकार किया। कागज भी नहीं दिखाए। इस दौरान पार्षद और महिला सूबेदार में जमकर बहस हुई। सूबेदार ने कार्रवाई की चेतावनी दी और सिपाही ने वीडियो बनाया तो माफी मांगकर कार ले गए। एक घंटे बाद समर्थकों के साथ फिर आए और सूबेदार से विवाद करने लगे। इतना ही नही उन्होंने सूबेदार को ट्रांसफर की धमकी भी दे डाली। बाद में शहर कांग्रेस अध्यक्ष आदि ने मामला शांत करवाया। इस दौरान एक समर्थक ने झाबुआ ट्रांसफर कराने के लिए कहा तो दूसरे समर्थक ने सूबेदार को सस्पेंड करने की मांग की। टीआई ने आरोपों पर आवेदन देने के लिए कहा तो पार्षद ने कहा कि शिकायत नहीं करेंगे। हमारी सरकार है, ऐसे में कांग्रेसियों की सुनवाई होगी। वहां से रवाना होने के एक घंटे बाद पार्षद अपने समर्थकों के साथ वापस लौटे।जिसका वीडियो सोमवार को तेजी से वायरल हुआ था।
एसएसपी ने दी पुलिसकर्मियों को हिदायद
रविवार दोपहर पार्षद अभय वर्मा व महिला सूबेदार विवाद मामले में एसएसपी का कहना है कि अब तक दोनों पक्षों ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। रविवार को घटना के बाद कांग्रेस नेता मिलने आए थे। उन्होंने अपना पक्ष रखा लेकिन कोई शिकायत नहीं की। महिला सूबेदार ने भी कोई शिकायत नहीं की। एसएसपी का कहना है कि चेकिंग में इस तरह का विवाद हो जाता है। पुलिसकर्मियों को हिदायत दी गई है कि वे आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें।