शनिवार को जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी और बीजेपी सांसद महेंद्र सोलंकी के बीच जमकर तकरार हो गई। बताया जा रहा है कि विवाद किसान कर्जमाफी को लेकर हुआ।प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना में देवास को प्रथम बताते हुए ताली बजवाई तो सांसद महेन्द्र सोलंकी ने कहा-यह सब झूठे आंकड़े हैं, मैं चुनाव प्रचार में गांव-गांव में घूमा हूं, किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है।
दरअसल, शनिवार को देवास जिले में जिला योजना समिति की बैठक थी। बैठक की अध्यक्षता मंत्री जीतू पटवारी कर रहे थे।इसी दौरान जब कर्जमाफी को लेकर चर्चा हुई तो बीजेपी सांसद ने कहा कि कर्जमाफी का लाभ जिले के कई किसानों को नहीं मिला है।यह सब झूठे आंकड़े हैं, मैं चुनाव प्रचार में गांव-गांव में घूमा हूं, किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है। लोगों तक सरकार की योजनाएं नहीं पहुंच रही है। इसके जवाब में जीतू पटवारी ने सांसद को 57 हजार किसानों के कर्ज माफी के सूबत देने लेने और उन्होंने किसानों की एक लिस्ट और पैन ड्राइव सांसद को सौंपी।जीतू ने कहा कि सांसदजी जज थे तो इनकी भाषा शैली थोड़ी आदेशात्मक है, कोई बुरा मत मानना। सांसदजी आपका व्यवहार ठीक कीजिए।
इस पर सांसद बोले- यहां लेक्चर सुनने नहीं आए हैं। आप हमें डायरेक्शन मत दीजिए। इतना कहते ही प्रभारी मंत्री पटवारी भी तेज आवाज में कहने लगे- समिति का अध्यक्ष हूं, डायरेक्शन दूंगा नहीं तो आपसे लूंगा। बहस के बाद प्रभारी मंत्री पटवारी ने अधिकारियों से कहा-योजना में पहले चरण में जिन किसानों का कर्ज माफहुआ है, उनकी सूची लाइए, सांसदजी को दीजिए। यहीं पर रेंडमली फोन कर चेक करते हैं कि कर्जा माफ हुआ है या नहीं। बैठक में 1700 पेजों की 57869 किसानों की सूची प्रभारी मंत्री ने सांसद को दी तो सांसद पहले तो लेने से इंकार करते रहे। बाद में हाथ लगा दिया। पैन ड्राइव में सूची देवास विधायक के प्रतिनिधि फूलसिंह चावड़ा को दी। बैठक में सूची में से किसी किसान को फाेन कर वेरिफिकेशन नहीं किया गया।
सांसद ने कहा कि जानकारी (डेटा) देने का यह तरीका गलत है। नियमानुसार नहीं है, इस तरह से आप जनप्रतिनिधियों व किसानों का अपमान कर रहे हैं। इतना कह कर सांसद खड़े हो गए और कहा कि बैठक खत्म कीजिए। इस पर प्रभारी मंत्री पटवारी ने आयुक्त से कहा कि जो काम जितने समय में पूरे होना हो इसकी जानकारी लोगों को भी उपलब्ध करा दे, ताकि जनप्रतिनिधियों पर लोगों का गुस्सा नहीं निकले।