ग्वालियर। गुजरात के सूरत में तक्ष शिला अपार्टमेंट के कोचिंग सेंटर अग्निकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है । मध्यप्रदेश में भी इसका असर दिखाई दे रहा है ग्वालियर कलेक्टर ने आज एक संयुक्त टीम गठित कर अवैध कोचिंग सेंटर्स की जांच कर उन्हें बंद करने और जो वैध है उन्हें व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए केवल तीन दिन की मोहलत के निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर पिछले कुछ वर्षों में कोचिंग सेंटर्स हब बन गया है। पड़ाव के पास स्थित लक्ष्मीबाई कॉलोनी तो रहवासी की जगह व्यावसायिक कॉलोनी में बदल चुकी है यहाँ सैंकड़ों की संख्या में छोटी बड़ी कोचिंग्स है ये अलग बात है कि इनमें से अधिकतर टेक्स चोरी करती हैं। इसके अलावा रॉक्सी पुल के पास,हनुमान चौराहा,गोला का मंदिर,कम्पू सहित शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहाँ कोचिंग सेंटर्स का जाल बिछा है । लेकिन जब सुविधा देने की बात आती है तो मोटी फ़ीस लेने वाले ये कोचिंग संस्थान बगलें झाँकने लगते हैं। इनपर नकेल कसने और बच्चों की सुरक्षा का ध्यान की चिंता करते हुए ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी और एसपी नवनीत भसीन ने बीती 17 मई को कोचिंग संचालकों की बैठक बुलाई थी जिसमें कोचिंग के बाहर यातायात व्यवस्था करने सहित सुरक्षा की द्रष्टि से सीसीटीवी कैमरे,फायर सिस्टम सहित अन्य जरुरी सुविधाएँ जुटाने के निर्देश दिए थे। चूँकि प्रशासन लोकसभा मतगणना में व्यस्त था इसलिए मामला ढीला पड़ गया था अब चूँकि सूरत की घटना में 20 बच्चों के निधन ने सबको अलर्ट कर दिया है।
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने आज निर्देश जारी करते हुए प्रशासनिक,पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम गठित कर दी है जिसने आज से ही काम शुरू कर दिया है। ये टीम सबसे पहले अवैध कोचिंग सेंटर्स का पता लगाकर वहां ताला डालेगी उसके बाद वैध कोचिंग सेंटर्स की जांच कर वहां सुरक्षा इंतजामों का पता लगाएगी। और यदि सुरक्षा इंतजाम जैसे सीसीटीवी कैमरे,फायर सिस्टम आदि अधूरे मिले तो उसे तीन दिन का अल्टीमेटम देगी और जिस संस्थान ने तीन दिन में व्यवस्थाएं नहीं सुधारी तो उस वैध कोचिंग सेंटर पर भी ताला डाल दिया जायेगा।