ग्वालियर। राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहर में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। । शहर के लोगों ने यहाँ की बरसो पुरानी गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखा इसके लिए जिला प्रशासन ने शहरवासियों को धन्यवाद दिया है। ख़ास बात ये है कि अचानक आये फैसले को देखते हुए सिख समाज ने अपना जुलूस बीच में ही समाप्त कर दिया वहीँ मुस्लिम समाज में एक कदम आगे बढ़ाते हुए ईद मिलादुन्नबी के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए जिससे शहर का भाईचारा कायम रह सके।
12 नवम्बर को आने वाले गुरुनानक देव के 550 वे प्रकाश पर्व से पूर्व आज सिख समाज ने शहर में अपना जुलूस और संकीर्तन यात्रा निकाली। लेकिन बदली हुई परिस्तिथियों के चलते जिला प्रशासन ने सिख समाज से इसे बीच में ही रद्द करने का निवेदन किया जिसे स्वीकार करते हुए पूर्व अनुमति प्राप्त जुलूस को समाज ने शहर में अमन चैन बनाये रखने के लिए बीच में ही समाप्त कर दिया। उधर सिख समाज की तरह ही मुस्लिम समाज ने भी पैग़म्बर हजरत मुहम्मद के जन्मदिवस पर मनाया जाने वाला ईद मिलादुन्नबी पर शहर में जुलूस नहीं निकालने सहित अन्य सभी कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय लिया है। ग्वालियर पुलिस कंट्रोल रूम में शाम को हुई मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की बैठक में मुस्लिम समाज द्वारा लिखित में जिला प्रशासन को जानकारी दी गई। शहर काजी अब्दुल हमीद कादरी के हस्ताक्षर से युक्त पात्र प्रशासन को सौंपते हुए उनके प्रतिनिधि ने ये जानकारी दी। समाज ने बताया कि यह फैसला देश और शहर हित में लिया है। जिससे शहर में अमन चैन और भाईचारा कायम रहे। उधर जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने सिख समाज और मुस्लिम समाज के लोगों को उनकी संवेदनशीलता के लिए उनको धन्यवाद दिया । गौरतलब है कि ग्वालियर शहर में अयोध्या मंदिर का फैसला आने से पूर्व ही धारा 144 लगी हुई है जो अभी जारी है।