ग्वालियर| पौधे लगाने की शर्त पर जमानत देने का ग्वालियर हाई कोर्ट का एक और अनोखा मामला सामने आया है| अवैध उत्खनन के आरोपी को जब चौथी बार भी जमानत नहीं मिली तो परिजनों ने पौधे लगाने की शर्त पर जमानत की गुहार लगाईं| जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि पहले 3000 पौधे लगाएं और उसकी रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट उसका सत्यापन कराएगी और फिर जमानत देने पर विचार करेगी। कोर्ट की इस शर्त पर आरोपी के परिजनों ने 3500 पौधे खरीदे और पौधरोपण किये| उनका कहना है दो दिनन में सभी पौधे लगा दिए जाएंगे|
दरअसल, अवैध उत्खनन के आरोपी गजेंद्र रावत को हाईकोर्ट ने चौथी बार भी जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रकृति का गलत तरीके से दोहन करने वालों को राहत नहीं दी जा सकती। 23 नवंबर 2018 को विशेष न्यायालय डबरा में जमानत खारिज होने के बाद गजेंद्र रावत तीन बार और जमानत का आवेदन लगा चुके हैं। लेकिन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने पौधे लगाने की शर्त पर जमानत की गुहार लगाई| इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले 3000 पौधे लगाएं और उसकी रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट उसका सत्यापन कराएगी और फिर जमानत देने पर विचार करेगी।
इसको लेकर बरुआसागर उत्तर प्रदेश से आरोपी गजेंद्र रावत के परिजनों ने 3500 पौधे खरीदे और डबरा के वार्ड क्रमांक 28 के अंर्तगत आने वाले बमरौली हनुमान मंदिर से लगाने की शुरुआत की| परिजनों का कहना है कि यह काम हम दो दिन में पूरा कर लेंगे, जिसके बाद हम सत्यापन के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डबरा राघवेंद्र पांडेय की उपस्थिति में पौधे लगाए जाएंगे|
यह था मामला
24 अक्टूबर 2018 को ग्राम चांदपुर स्थित सिंध नदी पर जिला प्रशासन की टीम ने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान कुछ लोग लाठी व डंडों के बल पर पनडुब्बियों को भगाकर ले गए। घटनास्थल पर मौजूद कोटवार भवानी प्रसाद की शिकायत पर पुलिस थाना डबरा में मामला दर्ज किया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया गया।