ग्वालियर ननि के 1900 करोड़ के बजट में 43 करोड़ का घाटा, सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने नकारा

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ग्वालियर । महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने शुक्रवार को ग्वालियर नगर निगम का  2019-20 का 1900 करोड़ रुपए पेश किया। बजट में 43 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है विपक्ष के भारी हंगामे के बीच बजट पास हो गया है।  

महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट शुक्रवार को पेश किया। लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर नगर निगम के इस बजट में शहर के लोगों पर कोई भारी-भरकम टैक्स नहीं लगाया गया है। लगभग 43 करोड़ के घाटे वाले इस बजट में निगम की आय बढ़ाने के लिए नए कर के रूप में सीवेज टैक्स का प्रावधान तो किया गया है, लेकिन यह बड़े संस्थानों से ही वसूल किया जाएगा। इसी प्रकार पेयजल सप्लाई के लिए बल्क कनेक्शन का प्रावधान भी किया जा रहा है। लेकिन यह भी व्यावसायिक संस्थानों पर ही लागू होगा। इसके साथ ही शहर विकास के पिछले साल 1550 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। नए बजट में पुरानी योजनाओं को पूरा करने और स्मार्ट सिटी के साथ अमृत योजनाओं के लिए अंशदान पूंजी जुटाने पर ही पूरा फोकस है। ये बजट पूरी तरह से स्मार्ट सिटी, अमृत योजना पर आधारित है।  अमृत योजना के तहत सीवर व पेयजल सप्लाई के संबंध में भी बजट में जिक्र है। अमृत योजना से हर घर में पानी पहुंचाने का लक्ष्य निगम ने रखा है। निगम की कई साल लंबित योजना जू का एक्सटेंशन, पार्कों के सौंदर्यीकरण, रोप-वे को पूरा करने का भी लक्ष्य है। सत्ताधारी बीजेपी ने बजट को अच्छा बताया है। तो वहीँ विपक्ष का कहना है कि बजट के अंदर नया कुछ नही है। सिर्फ केंद्र सरकार औऱ राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र है, और पुरानी योजनाएं शामिल है ।


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