Gwalior High court की खबरें

हाई कोर्ट ने प्री नर्सिंग चयन परीक्षा के रिजल्ट पर लगाई रोक, एमपी सरकार को फटकारा, पूछा- क्या शासन पर कोई नियम लागू नहीं होता

हाई कोर्ट ने दलील सुनने के बाद मध्य प्रदेश शासन को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या इंडियन नर्सिंग काउन्सिल के नियम मप्र शासन पर लागू नहीं होते, क्या शासन को नियमों का उल्लंघन करने की छूट प्राप्त है ? इसका कोई जवाब शासन की तरफ से पेश वकील नहीं दे पाए।

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याचिका में बताया गया कि बाढ़ में ग्वालियर के अलावा शिवपुरी, श्योपुर, गुना और अशोक नगर का हिस्सा ज्यादा प्रभावित हुआ।

मानहानि मामला : जबलपुर हाई कोर्ट ने निरस्त की दिग्विजय सिंह की याचिका

एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने तर्क दिए कि दंड प्रक्रिया संहिता में मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह किसी भी मामले की जांच या तो स्वयं कर सकते हैं अथवा पुलिस या किसी भी एजेंसी के माध्यम से जांच करा सकते हैं। दिग्विजय सिंह के विरुद्ध कोई हिंसा का मामला दर्ज नहीं हुआ है जिसमें पुलिस की जांच आवश्यक हो उक्त मामले में मजिस्ट्रेट ने जांच करना उचित समझा था इसलिए मजिस्ट्रेट द्वारा मामले की पूरी जांच की गई और जांच के उपरांत ही उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया

नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामला: CBI ने न्यायालय में पेश की रिपोर्ट, HC हुआ हैरान

रिपोर्ट सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इन नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पर भी सवाल खड़े किये, कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग वाले हॉस्पिटल से नोटराइज्ड एफिडेविट मांगा जाए,  ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट जानकारी की मांगी जाए, मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी,

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निजी कॉलेज के कुछ छात्रों ने परीक्षा पर लगी रोक के ग्वालियर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर की थी, जिसमें सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा पर लगी को हटाने से इंकार कर दिया और ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। 

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक रहेगी बरकरार, CBI को सौंपी जांच

कोर्ट ने सब तथ्य सामने आने के बाद परीक्षा पर रोक लगा दी थी जिसे सरकार हटवाना चाहती है। लेकिन अब मामला गंभीर हो गया है , कोर्ट ने परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से इंकार करते हुए मामले की जांच ही सीबीआई को सौंप दी , अब 12 मई को सीबीआई जो रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करेगी उसपर क्या फैसला आएगा ये देखने वाली बात होगी।  

गर्भवती महिला की मौत की जाँच के मामले में पुलिस और पीएम करने वाले डॉक्टर की भूमिका पर सवाल, HC ने जांच CBI को सौंपी

हाई कोर्ट द्वारा उक्त मामले में हैरानी जताते हुए कहा गया कि इस मामले में मृतका घटना दिनांक को करीब 19 सप्ताह की गर्भवती थी बावजूद इसके इसका उल्लेख पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं किया गया उल्टा मृतका का यूट्रस हेल्दी बताया गया, यानि  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिना जांच किए हुए ही डॉक्टरों ने इस आशय की राय दे दी कि मृतका को सांप ने डसा है।

कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कलेक्टर के आदेश को किया निरस्त, ओआइसी पर लगा जुर्माना

High court on Employees Increment : हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। दरअसल हाई कोर्ट द्वारा कलेक्टर…

बड़ी खबर : एमपी हाई कोर्ट ने नर्सिंग परीक्षा पर लगाई रोक, एक्जाम कंट्रोलर को नोटिस जारी

MP High Court bans nursing exam : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक बड़ा फैसला लेते हुए…