ग्वालियर।
नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और विज्ञापन एजेंसियों की मिलीभगत के चलते शहर अवैध होर्डिंग से पटा पड़ा है। शिकायतों और निर्देशों के बाद बनी पार्षदों की समिति ने जब इसकी जांच की तो 500 छोटे बड़े होर्डिंग्स में से ही 80 फीसदी अवैध मिले। जिससे निगम को लगभग पांच करोड़ का नुकसान हुआ है। समिति आज अपनी रिपोर्ट नगर निगम परिषद की बैठक में रखेगी जिसपर हंगामा होने के आसार हैं। उधर एडीएम ने भी नगर निगम आयुक्त को 7 दिनों में शहर से अवैध होर्डिंग हटाने का नोटिस थमाया है।
दरअसल शहर में अवैध होर्डिंग की शिकायते लम्बे समय से की जा रही हैं। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंच और पिछले तीन साल में हाईकोर्ट ने कई बार नगर निगम प्रशासन को अवैध होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए लेकिन अधिकारियों, कर्मचारियों और विज्ञापन एजेंसियों के गठजोड़ के सामने कोर्ट के आदेश भी हवा हो गए। भ्रष्टाचार के चलते शहर के अधिकांश व्यस्त क्षेत्र अवैध होर्डिंग से पाट दिए गए। जब इस पर पिछले दिनों ज्यादा शोर शराबा हुआ तो इसकी जांच के लिए पार्षद धर्मेन्द्र राणा के संयोजन में एक समिति का गठन किया गया।
पार्षदों की इस समिति ने जब जांच की तो 500 होर्डिंग्स में सही 80 फीसदी अवैध होर्डिंग मिले। समिति ने इससे नगर निगम के राजस्व को पांच करोड़ के नुकसान अनुमान लगाया है। पार्षद धर्मेन्द्र राणा का कहना है कि जांच में गड़बड़ियां मिलीं हैं इसीलिए अधिकारियों ने समिति को पुरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये। अब पार्षदों की जांच समिति अपनी रिपोर्ट आज होने वाली नगर निगम परिषद की बैठक में पेश करेगी। जिससे आज बैठक में हंगामा होने के आसार है। समझा जा रहा है कि बैठक में पार्षद निगम के राजस्व के नुकसान की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों से कराये जाने की मांग भी कर सकते हैं। उधर एक शिकायत के बाद एडीएम ने नगर निगम आयुक्त को सात दिन में शहर से अवैध होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए हैं।