प्रदेश में सत्ता के परिवर्तित होते ही कमलनाथ सरकार के मंत्री एक्शन मोड में काम कर रहे है और लापरवाह अधिकारियों को जमकर फटकार लगा रहे है। ताजा मामला ग्वालियर से सामने आय़ा है जहां अस्पताल में भारी अव्यवस्था देख प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों पर भड़क उठी। इस पर डॉक्टर ने सॉरी बोला तो मंत्री का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने कहा सॉरी कोई एक्सक्यूज नहीं है। मंत्रियों और सरकार को भी लात पड़ती है, गालियां खाना पड़ती हैं।
दरअसल, गुरुवार को कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में दौरे पर पहुंची थीं।इस दौरान उन्होंने पूरे अस्पताल में घूम-घूमकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान वे अस्पताल में भारी अव्यवस्था देख भड़क उठी और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को जमकर खरी खोटी सुना दी।साधो ने कहा कि ये मरीज को अटेण्डेंट स्ट्रेचर से क्यों लेकर जा रहा है। आपको पता है, मरीज नीचे गिर रहा था। आप ये बताएं कि आपके मेडिसिन वार्ड में ग्राउंड लेबर पर कितने कर्मचारी हैं। आप सुप्रीडेन्टेंड हो भाई, आपको नहीं तो किसे पता होगा। सहायक अधीक्षक आप बताएं कितने कर्मचारी हैं, मैडम प्रति शिफ्ट में 3 कर्मचारी रहते हैं। यदि ऐसा है तो मरीज को अटेण्डेंट क्यों लेकर जा रहा था…इस पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने कहा कि सॉरी मैडम।
सॉरी सुनते ही साधौ का पारा और बढ़ गया और उन्होंने डॉक्टरों से कहा कोई एसक्यूज नहीं हैं, सरकार और मंत्रियों को भी लातें खाना पड़ती हैं, गालियां खानी पड़ती हैं।उन्होंने अस्पताल प्रशासन को 5 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया कि वो जल्द व्यवस्था सुधार लें। इतना कहकर वो आगे बढ़ गयीं। वही मंत्री ने विधायक प्रवीण पाठक से कहा कि आप मॉनिटरिंग करो, मुझे बताना काम नियत समय में हुआ या नहीं।
बता दे कि सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार के मंत्री -विधायक अधिकारियों और लापरवाहों के प्रति कडा रुख अपनाए हुए है।बीते दिनों मंत्री आरीफ अकील ने सीहोर के जिला अस्पताल में पहुंचकर लापरवाह डॉक्टरों को फोन लगाकर जमकर लताड़ा था। वही गुरुवार को खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी खेल अकादमी में खिलाड़ियों के फटे जूते देखकर अफसरों को डांटा था।इससे पहले दमोह प्रभारी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के सामने कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने जिला अस्पताल के सीएमएचओ को धमकी देते हुए कहा था रवैया सुधारो वरना दंड मिलेगा।बीते दो महिने में मंत्रियों-विधायकों द्वारा अधिकारियों को दर्जनों बार फटकार लगाई जा चुकी है,लेकिन हालत जस के तस बने हुए है खास करके अस्पतालों में …। सत्ता परिवर्तन होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में कोई मजबूती नही आई है, व्यवस्थाएं अब भी चरमराई हुई है।