ग्वालियर। शहर में संचालित कोचिंग सेंटर्स में खस्ताहाल सुरक्षा इंतजामों का मामला हाईकोर्ट पहुँच गया है। शहर के दो अधिवक्ताओं ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नगरीय प्रशासन विभाग मप्र के प्रमुख सचिव, कलेक्टर ग्वालियर और कमिश्नर नगर निगम ग्वालियर को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होगी।
सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड के बाद सख्त हुए जिला प्रशासन ने जब शहर में संचालित कोचिंग सेंटर्स की जांच कराई तो मालूम चला कि अधिकांश में ना तो सुरक्षा का इंतजाम हैं ,ना फायर सेफ्टी सिस्टम और ना ही CCTV कैमरे। जिसके बाद कई सेंटर्स को सील कर दिया गया। हालाँकि कोचिंग सेंटर्स संचालकों के निवेदन पर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने 15 दिन की मोहलत देते हुए सुरक्षा से जुड़े सभी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
इसी बीच मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में उप महाधिवक्ता रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अमि प्रबल और अधिवक्ता आलोक कटारे ने हाईकोट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि शहर के जिन भवनों में कोचिंग सेंटर्स चल रहे हैं उन भवनों के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड-2005 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया । राज्य सरकार ने भी इस सम्बन्ध में कोई बायलोज तैयार नहीं किया इस कारण ऐसे भवनों की नियमित चैकिंग नहीं हो पाती। याचिका में कहा गया कि जिन भवनों में कोचिंग संचालित हो रहीं हैं वहां ना तो लिफ्ट हैं ना ही इमरजेंसी एक्जिट… कुछ जगह तो अग्निशमन यंत्र तक नहीं है और जहाँ लगे मिले वो काम नहीं करते। यंही कोचिंग सेंटर्स में पढने आने वाले बच्चों की सुरक्षा की किसी को परवाह नहीं है। मामले की गंभीरत को देखते हुए जस्टिस शील नागू और जस्टिस जीएस अहलूवालिया की डिवीजन बैंच ने नगरीय प्रशासन विभाग मप्र के प्रमुख सचिव, कलेक्टर ग्वालियर अनुराग चौधरी और कमिश्नर नगर निगम ग्वालियर संदीप माकिन को नोटिस जारी किये हैं। मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होगी।