ग्वालियर। लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बावजूद कांग्रेस में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा। पार्टी में अभी भी गुटबाजी हावी है तभी पार्टी द्वारा जारी आदेश बार बार बदले जा रहे हैं। ताजा मामला प्रबल प्रताप सिंह रिंकू मावई से जुड़ा है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के समर्थन में ग्रामीण कांग्रेस नेता साहब सिंह गुर्जर ने एक सभा का आयोजन किया था। सभा में मुरैना कांग्रेस के नेता प्रबल प्रताप सिंह रिंकू मावई को आमंत्रित किया गया था। रिंकू ने अपने भाषण में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाना बनाया था। उनके खिलाफ अशोक सिंह की मौजूदगी में बहुत कुछ बोला। रिंकू मावई का वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद कांग्रेस की बहुत फजीहत हुई। जिसके बाद अशोक सिंह को महल जाकर सिंधिया को सफाई भी देनी पड़ी थी। वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रिंकू मावई के कृत्य को अनुशासनहीनता माना और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।
रिंकू मावई के निलंबन का सिंधिया समर्थक नेताओं ने खूब स्वागत किया। कांग्रेस के व्हाट्सएप ग्रुप्स में नेताओं ने रिंकू को खूब सुनाई। उसके बाद पिछले दिनों 8 जून को पार्टी ने एक पत्र जारी किया संगठन प्रभारी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्र प्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में रिंकू मावई के निलंबन को समाप्त घोषित कर दिया। इस पत्र के बाद फिर से कांग्रेस में विरोध शुरू हो गया। जब मामला भोपाल तक पहुंचा तो फिर से चन्द्र प्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से एक पत्र जारी हुआ जिसमें रिंकू मावई के सम्बन्ध में 8 जून को जारी निलंबन बहाली के आदेश को वापस लेने और 6 साल के लिए उनका निलंबन जारी रहने की बात कही गई। पार्टी की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि कांग्रेस के अंदरखाने में अभी बहुत कुछ सही नहीं चल रहा है। गुटों में बटी कांग्रेस हार के बावजूद एकजुट नहीं हो पा रही है।