ग्वालियर। आज जारी हुई राज्य शासन की तबादला सूची में ग्वालियर से जुड़े भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारी प्रभावित हुए हैं। इनमें कलेक्टर भरत यादव और पूर्व निगम आयुक्त विनोद शर्मा प्रमुख रूप से शामिल हैं। 2008 बैच के भारतीय प्रशानिक सेवा के अधिकारी भरत यादव ने 25 दिसंबर को ग्वालियर कलेक्टर की कुर्सी संभाली थी लेकिन महज दो महीने आठ दिन में उनका फिर से तबादला कर दिया गया।
राज्य सरकार ने आज पांच मार्च को जारी तबादला सूची में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम का प्रबंध संचालक नियुक्त किया है। भरत यादव के स्थान पर 2 मार्च को मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक बनाये गए 2010 बैच के आइएएस अधिकारी सिंगरौली कलेक्टर अनुराग चौधरी के तबादला आदेश में संशोधन करते हुए उन्हें ग्वालियर कलेक्टर बनाया गया है। कलेक्टर भरत यादव को हटाए जाने की वजह समाजवादी पार्टी के कोषाध्यक्ष झाँसी से सांसद चंद्रपाल सिंह का रिश्तेदार होना बताया जा रहा है। भरत यादव चंद्रपाल यादव के दामाद हैं। चुनाव आयोग के निर्देश हैं कि नेताओं के रिश्तेदार यदि फील्ड ड्यूटी में हैं तो उन्हें वहां से हटा दिया जाए चूँकि झाँसी ग्वालियर से लगा हुआ जिला है इसलिए संभवतः भरत यादव को यहाँ से हटाया गया है।
उधर 20 फरवरी को रिटायरमेंट महज 99 दिन पहले ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर पद से हटाकर भोपाल में अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन बनाये गए 2003 बैच के आइएएस अधिकारी विनोद शर्मा की शहर वापसी हो गई है। उन्होंने तबादले के महज 13 वे दिन ग्वालियर में अपनी वापसी करवा ली। विनोद शर्मा वैसे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खास माने जाते है लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद से उनकी कांग्रेस में भी सक्रियता बढ़ गई थी। पिछले कई अवसरों पर खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर विनोद शर्मा तारीफ करते देखे गए हैं। विनोद शर्मा को राज्य सरकार ने राजस्व मंडल ग्वालियर का सचिव बनाया है। वहीँ राजस्व मंडल सचिव का दायित्व संभाल रहे 2010 बैच के आइएएस अधिकारी सुरेश कुमार को औद्योगिक केंद्र विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है।