संकट में किसान, नेता वोट की फसल काटने में व्यस्त

-Farmers-in-crisis

भोपाल। प्रदेश में पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के सटीक आंकड़े सामने नहीं आए ,उससे पहले ही सियासत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां ट्वीट के जरिए गुजरात के मृतकों के लिए  शोक जताया, जिस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आपत्ति ली। जबाव में पीएम ने मप्र के मृतकों के लिए ट्वीट कर दिया। इसके उलट प्राकृतिक आपदा से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है, उपार्जन केंद्रों पर फसल भीग गई है। जिस पर किसी राजनीतिक दल को फुर्सत नहीं है। 

प्रदेश में किसान शुरू से ही सत्ता का केंद्र रहा है। कर्जमाफी के जरिए कांग्रेस सत्ता में लौटी और अब लोकसभा चुनाव में फिर किसान के नाम पर वोट बटौरे जा रहे हैं। जबकि किसान ही हालत बेहद खराब है। न तो किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है और नहीं उन्हें किसी तरह की आर्थिक सहायता मिल रही है। किसानों की समस्याओं को लेकर कमलनाथ सरकार की ईंट से ईंट बजाने का ढिंढौरा पीटने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब सिर्फ वोट बटौरने में जुट गए हैं। उन्होंने अभी तक किसानों के लिए न तो कोई आंदोलन किया और न ही कोई प्रदर्शन किया। 


About Author
Avatar

Mp Breaking News