भोपाल। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के रिटायर्ड प्रमुख अभियंता जीएस डामौर पर लोकायुक्त ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डामौर के खिलाफ भ्रष्टाचार की एक ओर शिकायत दर्ज हुई है। जिसके आधार पर लोकायुक्त ने राज्य सरकार से रिकॉर्ड तलब किया है। यदि शासन की ओर से लोकायुक्त को समय रहते रिकॉर्ड भेज दिया तो फिर जीएस डामौर को कभी भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। जीएस डामौर फिलहाल भाजपा के विधायक हैं और रतलाम-झाबुआ से भाजपा प्रत्याशी हैं।
लोकायुक्त में डामौर के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज है। उन्होंने पीएचई का प्रमुख अभियंता रहते करोड़ों की खरीदी में भ्रष्टाचार किया था। लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार ने डामौर से जुड़े दस्तावेज लोकायुक्त को नहीं भेजे। पूर्व उपलोकायुक्त जस्टिस चंद्रेश भूषण ने डामौर से जुड़े दस्तावेज बुलाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था,लेकिन शिवराज सरकार ने दस्तावेज नहीं भेजे, जिसकी वजह से जांच आगे नहीं बढ़ पाई। लोकायुक्त ने तत्कालीन प्रमुख अभियंता के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की, लेकिन कोई कार्रवाईनहीं की गई। केमिकल खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायत पर पीएचई के पूर्व प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल को तीन महीने पहले जनवरी में रिकॉर्ड के साथ तलब किया।
उल्लेखनीय है कि डामौर की संघ में गहरी पकड़ है। यही वजह है कि रिटायरमेंट के बाद डामौर को एक्सटेंशन देने की तैयारी थी। लेकिन बाद में उन्हें भाजपा ने विधानसभा का चुनाव लड़वाया। अब लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।
रिकॉर्डं आते ही बढ़ेगी परेशानी
राज्य शासन की ओर से पीएचई में हुए भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड लोकायुक्त को सौंपते ही जीएस डामौर की परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि जांच एजेंसी डामौर से पूछताछ भी करेगी। हालांकि भाजपा प्रत्याशी बनने के बाद शासन स्तर पर डामौर से जुड़ी फाइलें खंंगाली जा रही हैं। संभवत: अगले कुछ दिनों में पीएचई की ओर से लोकायुक्त को रिकॉर्ड भेज दिया जाएगा।