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राजस्व वसूली का टारगेट अधूरा, कलेक्टर ने खुद के साथ रोका अफसरों का वेतन

भिंड|  राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाने पर कलेक्टर का एक अनोखा आदेश चर्चा का विषय बन गया है| राजस्व वसूली कम होने पर कलेक्टर छोटे सिंह ने स्वयं के साथ सभी राजस्व अधिकारियों का वेतन रोक दिया है।  कलेक्टर ने गुरुवार दोपहर बाद आदेश जारी कर खुद अपना, एडीएम अनिल कुमार चांदिल, एसडीएम इकबाल मोहम्मद और जिले के सभी राजस्व अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। लक्ष्य पूरा नहीं होने पर वेतन रोकने का यह जिले में अब तक का पहला आदेश है। इससे पहले हाल ही में ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने भी राजस्व वसूली कम होने पर इस प्रकार का आदेश दिया था| 

अब तक कलेक्टर अपने अधीनस्थ अमले पर कार्रवाई करते आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने खुद अपना भी वेतन रोका है। कलेक्टर का कहना है लक्ष्य पूरा होने पर ही वेतन मिलेगा। इस तरह की कार्रवाई से राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है|  कलेक्टर छोटे सिंह ने राजस्व वसूली के संबंध में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें पाया गया कि जिले की राजस्व वसूली की स्थिति काफी खराब है। जिले में  5 करोड़ रुपए की वसूली होना है। जबकि इसके विरुद्ध वसूली मात्र 60 लाख रुपए के करीब हो पाई है। इन आंकड़ों को लेकर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी जताई है।  लक्ष्य पूरा नहीं होने पर कलेक्टर ने गुरुवार दोपहर बाद आदेश जारी किया। इस आदेश में कलेक्टर ने खुद अपना वेतन और अधीनस्थ सभी राजस्व अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर के इस आदेश से राजस्व अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने स्वयं के साथ ही अपर कलेक्टर, समस्त अनुविभागीय अधिकारी, समस्त तहसीलदारों एवं समस्त नायब तहसीलदारों का वेतन भुगतान रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।  कलेक्टर का कहना है कि लक्ष्य पूरा नहीं होगा तो वेतन पर रोक नहीं हटेगी।

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