भोपाल| मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बेहद कांटे भरे मुकाबले में बीजेपी को शिकस्त मिली है, और कांग्रेस 15 साल बाद फिर सरकार बनाने जा रही है| कई मायनों में यह चुनाव हार बार के चुनावों से अलग रहा| 15 साल सत्ता में रहने के बाद एंटी इंकम्बैंसी, एट्रोसिटी एक्ट, किसान आंदोलन, और बागी फैक्टर के अलावा भी कई मुद्दे होने के बाद भी बीजेपी सैंकड़ा पार कर गई, और बहुमत से सिर्फ 7 सेट पीछे रही, जबकि कांग्रेस से सिर्फ 5 सीटें कम मिली| हालाँकि बीजेपी ने जोड़तोड़ कर सरकार बनाने की कोशिश की, इसके देर रात तक बैठकें भी चली लेकिन निर्दलीय और बसपा सपा का कांग्रेस को समर्थन मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया और हार की जिम्मेदारी भी स्वीकार कर ली| हार के पीछे क्या क्या वजह रही इसको लेकर पार्टी अब मंथन कर रही है| वहीं प्रदेश में कई सीटें ऐसी थी जहां कांटे की टक्कर देखने को मिली और अंतिम समय तक हार और जीत को लेकर प्रत्याशियों की सांसें थमी रही| ऐसी ही लगभग एक दर्जन सीटें हैं जिन पर मामला बेहद करीबी रहा और बेहद कम अंतर् से यहां बीजेपी हारी है| ऐसी लगभग एक दर्जन सीटें हैं, जो उलटफेर होने का कारण बनी |
सबसे कम अंतर् से हुई बीजेपी की हार
ग्वालियर दक्षिण में बीजेपी को बड़ा नुक्सान हुआ है| यहां सिर्फ 121 वोटों से भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह हार गए| दक्षिण विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह का चौथी बार विजय हासिल करने का सपना कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने चकनाचूर कर दिया।आखिरी राउंड में पाठक ने नारायण को 121 मतों से शिकस्त देकर उनका किला ढहा दिया।
गेम चेंजर साबित हुई यह सीटें
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विधानसभा |
कांग्रेस जीती |
नोटा |
1 |
ब्यावरा |
826 |
1481 |
2 |
दमोह |
798 |
1299 |
3 |
गुन्नौर |
1984 |
3734 |
4 |
ग्वालियर दक्षिण |
121 |
1550 |
5 |
जबलपुर उत्तर |
578 |
1209 |
6 |
जोबट |
2056 |
5139 |
7 |
मान्धाता |
1236 |
1575 |
8 |
नेपानगर |
1264 |
2551 |
9
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राजनगर |
732 |
2485 |
10 |
सुवासरा |
350 |
2976 |
11 |
राजपुर |
932 |
2485 |
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