भोपाल। पिछले कई सालों से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पूरी नहीं होने से मध्य प्रदेश के वकील आक्रोशित हो उठे हैं। शुक्रवार को स्टेट बार काउंसिल सदस्यों, एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, एडवोकेट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से इस मामले में आर-पार की लड़ाई का निर्णय लिया गया था, इसके तहत आगामी 15 जुलाई सोमवार को वकील न्यायालयीन कार्यों से विरत रहेंगे। जिसकी सूचना हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को भेज दी गई है।
वहीं मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद ने सभी अधिवक्ता संघों से न्यायालयीन कार्य से विरत् रहकर प्रतिवाद दिवस मनाते हुए प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिये जाने का आह्वान किया है। इसी बीच प्रदेश के दो कैबनेट मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि कैबिनेट की बैठक में वकीलों के एक्ट को लेकर हमारी तरफ से कोई मनाई नहीं की गई थी। यह सिर्फ एक अफवाह है। उन्होंने वकीलों से अनुरोध किया किया इस तरह की अफवाह पर ध्यान ना दे। क्योंकि किसी भी स्तिथि में एडवोकेट एक्ट जल्द से जल्द बनकर रहेगा।