भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में आज हंगामे के बीच स्पीकर का चुनाव हुआ। सदन की कार्रवाई शुरू होते ही दो विधायक यशोधरा राजे सिंधिया और मालिनी गौड को प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने शपथ दिलाई। इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से एनपी प्रजापति को स्पीकर बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद जैसे ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भाजपा प्रत्याशी विजय शाह का प्रस्ताव पेश करने खुड़़े हुए तब संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने आपत्ति ली कि जो प्रस्ताव पहले आ चुका है। वही मान्य होगा। इसके बाद हंगामे की स्थिति बन गई। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रोटेम स्पीकर ने बिना वोटिंग के ध्वनिमत के आधार पर एनपी प्रजापति को स्पीकर घोषित कर दिया। जिसके बाद भाजपा के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। हगांमा बढ़ने पर प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी थी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने वोटिंग की मांग करने के बाद मत विभाजन का ऐलान किया। इससे पहले भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। भाजपा प्रोटेम स्पीकर द्वारा कांग्रेस के एनपी प्रजापति को बिना वोटिंग के विधानसभा अध्यक्ष घोषित करने का विरोध कर रही थी। भाजपा वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रही| | एनपी प्रजापति को 120 मत मिले| दीपक सक्सेना ने प्रोटेम स्पीकर होने के कारण वोट नही डाला | वहीं भाजपा ने विरोध करते हुए सदन के बाहर नारेबाजी की| वहीं एनपी प्रजापति ने पद ग्रहण कर लिया है| शिवराज सिंह चौहान ने इसे इतिहास का काला दिन बताया| पैदल मार्च करते हुए विपक्ष राजभवन जाएगा, बीजेपी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी| राजभवन के बाहर बड़ी संख्या मे पुलिस बल मौजूद है|
इससे पहले सत्ता पक्ष की ओर से डॉ गोविंद सिंह, आरिफ अकील, विक्रम सिंह, वैजनाथ कुशवाह, पीसी शर्मा एवं ग्यारसीलाल रावत ने एनपी प्रजापित के नाम का प्रस्ताव पेश किया। जब विपक्ष के नेता प्रस्ताव पेश करने खड़े हुए तो संसदीय कार्यमंत्री ने आपत्ति ली। जिसको लेकर विपक्ष के विधायक खड़े हो गए। नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढऩे पर सदन की कार्यवाही 10 मिनटे के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव समेत भाजपा के अन्य विधायक गर्भगृह में पहुंचकर हंगामा करने लगे। भाजपा ने स्पीकर को चुनाव को लेकर सत्तापक्ष पर लोकतंत्र की हत्या के आरोप लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा यह अलोकतांत्रिक और लोकतंत्र की हत्या है| इससे पहले खबरें आ रहीं थी कि भाजपा के उम्मीदवार वोटिंग से पहले अपना नाम वापस ले सकते हैं। नियम पांच के तहत मत विभाजन की जरूरत नहीं पड़ी और प्रोटेम स्पीकर ने वोटिंग कराने से इंकार कर दिया। माना जा रहा है कि अब कांग्रेस भाजपा का विधानसभा उपाध्यक्ष का पद दे सकती है।