भोपाल। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों में उम्मीदवार तय करने को लेकर पेंच फंसा है। कांग्रेस ने इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने की अटकलों जोरों पर थी। स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी काफी उत्साह था। लेकिन पार्टी ने उनकों गुना सीट से ही टिकट दिया है। इसके बाद एक बार फिर कांग्रेस में उम्मीदवार के लिए मंथन किया जा रहा है। अंदरखाने की खबर है कि पार्टी स्थानीय नेता के साथ ही कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी पर दांव लगा सकती है। इससे पहले जीतू कई बार अपनी दावेदारी को लेकर मीडिया में बयान भी दे चुके हैं।
दरअसल, कांग्रेस बीजेपी के पत्ते खुलने का इंतजार कर रही है। लेकिन अब तक बीजेपी में भी किसी एक दावेदार के नाम पर एक राय नहीं बन पा रही है। इसलिए घोषणा में देरी हो रही है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी एक बार फिर किसी महिला प्रत्याशी पर दाव लगा सकती है। इसमें मालिनी गौड़ का नाम लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस जीतू पटवारी के नाम पर मुहर लगा सकती है। सिंधिया को इंदौर से टिकट नहीं दिए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की मांग की जा रही है। पार्टी को डर है अगर कोई बाहरी उम्मीदवार उतारा गया तो भितरघात और विरोध की स्थिति भी बन सकती है। जीतू पटवारी फिलहाल कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं। वह कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी करीबी भी माने जाते हैं।
जीतू पर दांव लगाने से कांग्रेस को कोई नुकसान भी नहीं होगा। अगर पार्टी को जीत मिलती है तो उसके लिए ये बड़ी कामयाबी होगी क्योंकि इस सीट पर ताई आठ बार से लगातार सांसद हैं। अब इंदौर को बीजेपी का अभेद किला कहा जाता है। वहीं, अगर वह हार जाते हैं तो भी पार्टी को खास नुकसान नहीं होगा। सांसद अलग हो जाएंगे और हारते हैं तो विधायक के साथ मंत्री पद तो बना ही रहेगा। ऐसे में उनका न तो जीतने पर नुकसान होगा और न ही हारने पर। दरअसल, कांग्रेस इंदौर सीट पर जीतने वाले नेता को मैदान में उतारकर दांव लगाने के मूड में है। ऐसे में कांग्रेस को मैदान में उतारने के लिए मंत्री पटवारी ही दिख रहे हैं। अब देखना यह है कि पटवारी चुनाव लड़ते हैं या नहीं क्योंकि फैसला दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे।