भोपाल। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर काफी अटकलें चल रही हैं। अफवाहों का बाज़ार लगातार गर्म है। उनके द्वारा समय समय पर दिए गए संकेतों से ऐसी खबरें भी सामने आती रही हैं कि वह अपनी सियासत के लिए दूसरा विकल्प भी तलाश कर सकते हैं। लेकिन वह खुद ही इन अटकलों पर यह कह कर विराम लगा देतें है कि वह कांग्रेस के वफादार सिपाही हैं। दूसरी ओर उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स भी समय समय पर सामने आती रही है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव हारने के बाद सिंधिया के पास फिलहाल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है। वह उत्तर प्रदेश में भी खास कमाल नहीं दिखा पाए। और अपनी पारंपरिक सीट भी गंवा बैठे। उसके बाद उन्होंने कई कोशिशें की प्रदेश अध्यक्ष बनने की लेकिन वह फैसला भी पार्टी द्वारा टाल दिया गया। अब अंदरखाने की खबर है कि पार्टी उन्हें 2020 में राज्य सभा भेज सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है ऐसा करने से कांग्रेस को आसानी हो जाएगी। एक तो सिंधिया मध्य प्रदेश की सियासत से दूर हो जाएंगे और केंद्रीय सियासत में एक बार फिर सक्रिय हो जाएंगे। सिंधिया के करीबियों का कहना है कि वह खुद भी राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी हाईकमान के सामने पेश कर चुके हैं।
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। 3 सीटों का कार्यकाल 2020 में पूरा हो रहा है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, भाजपा के प्रभात झा और पूर्व मंत्री सत्य नारायण जाटिया का है। भाजपा के खाते में एक और कांग्रेस के खाते में एक सीट जाएगी लेकिन तीसरी सीट को लेकर पेंच फंस सकता है। जहां भाजपा को मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है जबकि कांग्रेस के पास संख्याबल है।