इंदौर।
मांगे पूरी ना होने पर प्रदेश में पेंशनर्स का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।पेंशनर्स ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि वादे पूरे नहीं किए तो विधानसभा के आगामी सत्र में पेंशनर्स सड़क पर उतरेंगे। प्रदेशभर से पेंशनर्स भोपाल पहुंचकर विधानसभा के सामने प्रदर्शन भी करेंगे।
दरअसल, मंगलवार को पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश की प्रदेश स्तरीय महासमिति की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सत्ता में आने से पहले सरकार द्वारा पेंशनर्स से किए गए वादों को याद दिलवाया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम जोशी ने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया प्रदेश सरकार को चुनाव से पहले किए वादों की याद दिलाने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। 23 जुलाई को जिला स्तर पर रैलियां निकालकर पेंशनर्स ज्ञापन सौपेंगे। इसके बावजूद सरकार ने वादे पूरे नहीं किए तो विधानसभा सत्र में पेंशनर्स विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेंगे। वही एसोसिएशन के महामंत्री मुरलीधर शर्मा ने कहा कि पेंशनर्स की मुख्य मांगे सातवें वेतन का 27 माह का एरियर, केंद्रीय पेंशनर की भांति 1000 रुपए, चिकित्सा भत्ता, स्वास्थ्य बीमा, 70 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन और राहत राशि का समय पर भुगतान आदि है। अगर इन्हें पूरा नही किया गया तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगें। और बजट सत्र के दौरान विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेंगें।
बैठक में पेंशनर्स संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े एसोसिएशन फॉर पेंशनर्स, सेंट्रल कमेटी ऑफ पेंशनर्स, वरिष्ठ नागरिक महासंघ, गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन, नगर निगम पेंशनर्स एसोसिएशन सहित कई संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
ये है पेंशनर्स की मांगे
-सातवें वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2016 से दिया जाए।
-एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक के एरियल का भुगतान चार किस्तों में किया जाए।
–पेंशनर्स को प्रतिमाह एक हजार रुपए चिकित्सा भत्ता दिया जाए।
-70 वर्ष की उम्र पूरी करने पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दी जाए।
-पेंशनर्स कल्याण मंडल का गठन किया जाए।
-पेंशनर्स फोरम की नियमित बैठक बुलवाई जाए
-पेंशनर्स को आयुष्मान योजना का लाभ दिलवाया जाए।
-जिला स्तर पर गठित वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम के तहत गठित समिति की नियमित बैठक बुलवाई जाए।