इंदौर।
समूचे देश मे बिहार के चमकी बुखार की चमक लोगो मे दहशत फैला रही है। एमपी में भी इसका एक संदिग्ध मिला है। जिसके बाद मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही इस बीमारी से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पहले से ही करने को कहा गया है।
दरअसल, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी के बाद अब देश के एक हिस्से में चमकी बीमारी कहर देखा जा रहा है और तो और बिहार में इस बीमारी ने अपना स्थान बना लिया है। मध्यप्रदेश में यह बीमारी ना फैले और इसकी कोई भी मरीज सामने ना आए ��सको लेकर के स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। जिसके तहत इंदौर में भी सभी सरकारी अस्पतालों में अधिकारियों को इस बीमारी के प्रति गंभीर रहने के आदेश दिए हैं। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम.वाय. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर ने माना कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अलर्ट के बाद किसी भी खतरनाक बीमारी को लेकर अस्पताल प्रबंधन और स्टॉफ सहित सभी तैयार है और यदि जरूरत पड़ी तो गंभीर बीमारी के लिए स्वाइन फ्लू की तर्ज पर एक अलग वार्ड बनाया जाएगा। वही उन्होंने ये भी माना कि इंदौर में अब तक चमकी बीमारी का कोई पीड़ित सामने नही आया है।
देवास में 8 साल के बच्चे की चमकी बुखार से मौत की आशंका
वही देवास जिले के खातेगांव के समीप के गांव जामनेर के 8 वर्षीय असलम पिता इब्राहिम खां में चमकी बुखार के लक्षण मिले हैं। जिसे गंभीर हालत में इंदौर के एमवाय में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उसकी मौत हो गई। हालांकि अभी डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।इस मामले में एमवाय के अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर का कहना है कि इस बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण तो नजर आ रहे हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ स्पष्ट तौर पर कहा जा सकेगा। कम्यूनिटि हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, यह ए.ई.एस. नही है। यह सामान्य वायरल इन्सेफेलाइटिस है। एईएस की संभावना को खत्म करने के लिए रक्त का नमूना वायरोलॉजी जांच ले लिया गया है, कल रिजल्ट आएगा, जिसे स्पष्ट हो जाएगा।