इंदौर: अब नहीं होगी मस्टरकर्मियो की भर्ती, शासन के निर्देश पर निगम का फैसला

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इंदौर| देश में स्वच्छता में नम्बर 1 शहर इंदौर के नगर पालिक निगम में अब मस्टरकर्मियो की भर्ती पर रोक लग गई है। निगमायुक्त आशीष सिंह की माने तो राज्य शासन के निर्देश पर ये फैसला लिया गया है। बता दे हाल ही में निगमायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए तत्काल प्रभाव से 245 निगमकर्मियों का निलंबन कर दिया था जिसकी वजह थी निगमकर्मियों द्वारा काम पर ना जाकर घर बैठे वेतन लेना। इसके बाद निगम ने एक और बड़ा झटका दिया है और निगम के किसी भी विभाग में मस्टरकर्मियो की नियुक्ति पर रोक लगा दी है| 

हालांकि निगमायुक्त ने फैसला राज्य शासन का बताया है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा प्रदेश सरकार ने रोजगार के जो दावे युवाओ से किये है क्या वो चंद निठल्ले कर्मचारियों की वजह से खोखले साबित होंगे ये एक बड़ा सवाल है जिस पर निगम का मानना है अब यदि किसी भी विभाग में कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो उसमें भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी की सहायता ली जाएगी। हालांकि निगम की मंशा क्या है , ये निगम ही जानती है लेकिन ये तो साफ है ये खबर उन जरूरतमंद युवाओ के बुरे सपने से कम नही होगी जो निगम में भले ही अस्थायी तौर पर काम करना चाहते हो लेकिन अब उन्हें सिक्योरिटी गार्ड की तर्ज पर कंपनी का कर्मचारी बनना पड़ेगा ना कि नगर निगम का। राज्य शासन का आदेश 1 अप्रैल को निगम को भेज दिया गया था जो भोपाल से इंदौर की दूरी तय करने में करीबन 26 दिन लगा बैठा और 27 अप्रैल को निगम को आदेश मिला। अब राज्य शासन और निगम घोषणा कर चुका है कि भविष्य में मस्टरकर्मियो की भर्ती नही की जाएगी। हालांकि , खबरे ये भी आ रही है कि निगम में संचालित की जाने संस्थाओ सहित राजनीति से जुड़े प्रतिनिधि निगम और शासन का विरोध लोकसभा चुनाव के बाद कर सकते है।


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