इंदौर।
राजनीति में देश की संसद से जुड़ा एक ऐसा संयोग है जो पिछले दो दशकों से सच हो रहा है।वह यह कि बीते 20 सालों के दौरान ऐसा कभी देख���े को नही मिला जब कोई मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष चुनाव जीतकर दोबारा संसद पहुंचा हो।चाहे मीरा कुमार हो या सोमनाथ चटर्जी या फिर वर्तमान इंदौर सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन।चुंकी हाल ही में ताई ने भी इंदौर से दोबार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया जिसके बाद उनके समर्थक शंकर लालवानी को मैदान में उतार गया है।जिसके चलते ताई भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है।
दरअसल, बीते 20 सालों से देखने को मिल रहा है कि जब कोई मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष चुनाव जीतकर दोबारा संसद पहुंचा हो। हालांकि इस रोचक परिपाटी के पीछे की वजह महज संयोग ही है। इस अवधि के दौरान कोई लोकसभा अध्यक्ष चुनाव हार गया, तो किसी ने चुनाव ही नहीं लड़ा या उसे टिकट ही नहीं मिला। खास बात ये है कि इस बार इस लिस्ट में इंदौर से वर्तमान बीजेपी सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ताई भी जुड़ गई है।क्योंकि उन्होंने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है जिसके बाद बीजेपी ने शंकर लालवानी को मैदान में उतारा है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले चार लोकसभा अध्यक्षों में से कोई भी दोबारा संसद नहीं पहुंच सका है। मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष और आठ बार से सांसद सुमित्रा महाजन ने अबकी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं। भाजपा की ओर से इंदौर सीट से प्रत्याशी नहीं बनाने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। महाजन 8 बार से सांसद रहीं, जून 2014 में उन्हें लोकसभा स्पीकर चुना गया था।आजादी के बाद महाजन दूसरी महिला हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित पद प्राप्त हुआ। इस पद को धारण करने वालीं पहली महिला मीरा कुमार हैं जो बिहार की सासाराम सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं।2009 के लोकसभा चुनावों के बाद 30 मई 2009 को उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें बिहार की सासाराम सीट से भाजपा के छेदीराम से हार गई थी।वही मीरा कुमार इस बार फिर चुनाव मैदान में हैं।
वही मीरा कुमार से पहले वाम दल के नेता सोमनाथ चटर्जी बोलपुर सीट से चुनाव जीतकर 2004 में लोकसभा अध्यक्ष बने। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से वाम दलों ने समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने चटर्जी को भी पद से इस्तीफा देने का फरमान जारी कर दिया।इसके बाद उन्होंने घोषणा कर दी थी कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।सोमनाथ चटर्जी से पहले शिवसेना के मनोहर जोशी स्पीकर थे। 1999 के चुनावों में जीत के बाद उन्हें निर्विरोध उन्हें चुना गया था, लेकिन वे 2004 का चुनाव हार गए थे।
इन चार को दूसरा चांस नहीं
सुमित्रा महाजन : 2014 से अब तक, 2019 में चुनाव नहीं लड़ रहीं
मीरा कुमार: 2009 से 2014 तक, 2014 में चुनाव हार गईं
सोमनाथ चटर्जी : 2004 से 2009 तक, राजनीति से संन्यास
मनोहर जोशी : 2002 से 2004 तक, 2004 में चुनाव हार गए