इंदौर। स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व यानी राखी अब नज़दीक है यदि बात की जाए इंदौर की यहाँ इस पर्व को को विशेष अंदाज़ में मनाया जाता है। शहर का पालरेचा परिवार हर साल खजराना गणेश के लिए सबसे बड़ी राखी का निर्माण करता है। जिसे राखी के दिन सुबह सबसे पहले खजराना मंदिर में अर्पित कर इस त्योहार का श्री गणेश किया जाता है।
इस बार भी पालरेचा परिवार ने गौरीपुत्र के लिए विशेष और विशाल राखी बनाई है। जो न सिर्फ़ वैदिक मंत्रों पर आधारित है बल्कि ये राखी अखंड भारत के साकार होते सपने का संदेश भी प्रस्तुत कर रही है । दरअसल, इंदौर का पालरेचा परिवार हर साल खजराना स्थित सिद्धिविनायक गणेश के लिए विशाल राखी का निर्माण करता है। इस साल भी इस परिवार ने मंगलमूर्ति के लिए पैंतालीस इंच लम्बी और इतने ही इंच चौड़ी राखी का निर्माण किया है।
परम्परा को निभाते हुए पालरेचा परिवार ने इस बार भी विशेष थीम से सजी राखी बनाई है इस राखी में भारत के हिंदू धर्म से जुड़े वैदिक मंत्रों के न सिर्फ़ दर्शन होते है बल्कि राखी से ही वैदिक मंत्रों की गूँज भी सुनाई देती है।राखी में सूखे मेवों के साथ ही कई जड़ी-बूटियों और गंगा जल को भी स्थान दिया गया है जबकि इस बार की राखी कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अखंड भारत के सपने को साकार होता भी दिखा रही है । खजराना गणेश के लिए हर साल तैयार वाली इस राखी के लिए पूरा परिवार एक साथ जुटता है और करीब एक महीने की मेहनत के बाद राखी का स्वरूप निखर कर सामने आता है। पिछले सोलह सालों की तरह इस साल भी पालरेचा परिवार ढोल-ढ़माकों के साथ सुबह सात बजे खजराना मंदिर पहुँचेगा।जहाँ प्रथम पूज्य गणेश जी को राखी अर्पित की जाएगी ।इस आयोजन के साथ ही गणेश जी से अखंड भारत की शांति और समृद्धि की कामना भी की जाएगी ।खजराना गणेश जी की ये राखी एक मात्र ऐसी राखी होगी जिसमें चारों वेदों के साथ ही चारों उपवेदों का भी उल्लेख किया गया है ।