जबलपुर| जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट के एक अहम आदेश से मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कंगाल होते-होते बच गई| कमर्शियल कोर्ट ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर एक हज़ार करोड़ रुपयों की अदायगी का फैसला रद्द कर दिया है|
दरअसल मामला उस दौरान का है जब मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल प्रदेश में बिजली विभाग की कमान संभालता था लेकिन विद्युत मण्डल के भंग होने पर उसकी फायनेंशियल लायबिलिटी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर आ गई| विद्युत मण्डल ने प्रदेश में लगे तमाम बिजली के खंबों पर विज्ञापन लगाने का टेंडर 20 लाख रुपए सालाना में इंदौर की शुभम एजेंसी को दे दिया था| बिना टेंडर बुलाए हुए इस ठेके को बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द कर दिया गया था लेकिन एजेंसी ने क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए आर्बिट्रेशन कोर्ट की शरण ले ली थी| आर्बिट्रेटर ने साल 2010 में अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को ये आदेश दिया था कि वो शुभम एजेंसी को 400 करोड़ रुपयों की राशि चुकाए जो राशि 2019 में ब्याज मिलाकर करीब 1000 करोड़ हो गई थी| इतनी बड़ी राशि चुकाने में नाकाम वितरण कंपनी ने जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट की शरण ली थी… कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर द्वारा सुनाए गए फैसले को अवैध और जनहित के खिलाफ माना है| कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर का आदेश रद्द कर दिया है जिससे अब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई भी राशि नहीं चुकानी होगी।