जबलपुर| सरकारी स्कूलों में गिरता शिक्षा का स्तर सरकार के साथ साथ छात्रों के माता पिता के लिए भी चिंता का विषय है। अच्छा वेतन देने के बाद भी सरकारी स्कूलों के शिक्षक अच्छा रिजल्ट लाने में नाकाम साबित हो रहे है। 2018-19 में आए 10 वी 12 वी के परीक्षा परिणाम ने सरकारी स्कूलों की कलई खोल कर रख दी है।यही वजह है कि जबलपुर में सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को लेकर संभागायुक्त राजेश बहुगुणा गंभीर है।
संभागायुक्त ने आज जिले भर के प्रधानाध्यपको की आज एक समीक्षा बैठक ली और निर्देश दिए कि वो अपने अपने स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को न सिर्फ ऊपर करे बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान भी दे।मॉडल हाई स्कूल में कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने करीब 3 घंटे टीचरों के साथ बिताए।इस दौरान उन्होंने बच्चो की पढ़ाई से संबंधित कई टिप्स दिए साथ ही अपनी जीवन से जुड़े रोचक तथ्यों को सबके साथ साझा किया।संभागायुक्त ने माना कि अभी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने की बहुत आवश्यकता है हालांकि कुछ स्कूल के प्रधानाध्यपक ऐसे भी थे जिनके कामो की कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने सराहना भी की।कमिश्नर की समीक्षा बैठक में स्कूलों के टॉयलेट व्यवस्था की भी बात उठी जिसमे शिक्षको ने बताया कि सरकारी स्कूलों में स्वीपर न होने के चलते परेशानी आती है।संभागायुक्त ने 24 जून से खुल रहे स्कूलों को लेकर कहा कि सभी प्रधानाध्यपक अपने अपने क्लास टीचरों को निर्देश देंगे कि वो व्हाट्सएप के माध्यम से क्लास में पड़ने वाले बच्चो के परिजनों का एक ग्रुप बनाये और बच्चे की पढ़ाई से संबंधित बातों को साझा करें।