जबलपुर| महाकौशल अचंल मे पड़ रही भीषण गर्मी का प्रकोप थमने का नाम नही ले रहा | बात जबलपुर की करें तो यहां गर्मी ने एक 6 माह के मासूम की जान ले ली| मदन महल पहाड़ी से विस्थापित किए गए करीब 200 कब्ज़ेधारियो को तिरपाल और बांस बल्ली के सहारे तिलहरी क्षेत्र मे विस्थापित तो कर दिया गया लेकिन 46 डिग्री पारे की गर्मी से 6 माह का मासूम हार गया । दुनिया को अलविदा कह चुका 6 माह का ये मासूूूम 46 डिग्री तापमान से लड़ न सका| इस मासूम की मौत का ज़िम्मेदार जितनी कुदरत है उतना ही जिला का प्रशासन भी है|
दरअसल, हाईकोर्ट निर्देश पर बीते साल अक्टूबर माह मे जबलपुर की मदन महल पहाड़ी से तिलहरी विस्थापित किए गए 2 सौ परिवारो मे से 6 माह का धनराज भी एक था| प्रशासन ने जितनी फुर्ती इनके आशियानो को तोड़ने मे लगाई| अगर उतनी ही बसाने मे लगाता तो शायद आज ये मासूम ज़िंदा होता| लगातार चार दिनो से 45 डिग्री के उपर चल रहे शहर के पारे ने कई दशको के रिकाॅर्ड तोड़ दिए है| बिना किसी छत के तिरपाल के सहारे रहे रहे इन विस्थापित लोगो के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नही की है । जो मासूम कल तक आंगन ने हंस खेल रहा था वो अचानक आज अलविदा कह गया| परिजनों का तो रों रो कर बुरा हाल है कि इन्हें कैसा नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है| इसका अंदाजा यहां के हालातों को देख लगाया जा सकता है| वही लू से हुई मासूम की मौत पर जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चे की मौत लू से हुई भी है या नहीं उसकी सच्चाई पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी| प्रशासन की माने तो मृतक बच्चा का तिलहरी विस्थापित बस्ती में ननिहाल है और वह कल ही अपनी माँ के साथ तेंदूखेड़ा से आया था..उसी दौरान वह बीमार हो गया..बच्चे को ओआरएस दिया गया था…तेंदूखेड़ा की स्वास्थ्य कार्यकर्ता से पता चला कि बच्चे को बीते 4 दिनों से डीहाईड्रेशन से पीड़ित था।
प्रशासनिक अव्यव्स्था की वजह से बस्ती की 7 जानो की बली चढ़ गई है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी और सरकार का कोई जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने तक तैयार नही है। वित्त मंत्री समेत समाजिक न्याय मंत्री के जिले मे हज़ारो लोग बेबस है अगर सरकार ने अब भी इनकी ओर ध्यान न दिया तो आने वाले बारिष के मौसम मे महामारी की बात से भी इंकार नही किया जा सकता।