जबलपुर|
गरीबी इंसान को न केवल मजबूत बनाती है बल्कि असहाय भी कर देती है लेकिन उस पर प्रशासन की बेरुखी किसी मुसीबत से कम नहीं होती। जबलपुर में ऐसे ही मुश्किलों से पिछले कई सालों से जूझ रहा है राजकुमार चक्रवर्ती… पेशे से मजदूर है राजकुमार अपनी 16 साल की बेटी को लेकर दफ्तरों के चक्कर काट रहा है और वो इसलिए कि उसकी बेटी का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है वही आधार कार्ड जिससे बनाने के लिए सरकार बड़े बड़े दावे करती है तो प्रशासन आंकड़ों की कलाबाजी दिखाता है लेकिन एक असहाय पिता की मदद नहीं कर पाता है राजकुमार पिछले कई महीनों से अपनी दिव्यांग बेटी को गोद में उठाया दफ्तरों के चक्कर काट रहा है राजकुमार का कहना है कि उसकी बेटी नीलिमा का आधार कार्ड नहीं बन पाया है जिसकी वजह से उसकी बेटी को पेंशन नहीं मिल पा रही है इसके साथ ही बाकी सरकारी योजनाओं में भी हमेशा उसकी बेटी का आधार कार्ड मांगा जाता है राजकुमार अपनी 100% दिव्यांग हो चुकी बेटी को गोद में लिए कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुंचा। लेकिन यहां भी उसे आवेदनों के चक्कर में फंसा दिया इसके बाद राजकुमार ने अपनी व्यथा कलेक्टर के सामने सुनाई मीडिया के हस्तक्षेप के बाद कलेक्टर ने भी मामले को गंभीरता से लिया और राजकुमार को रेडक्रॉस से 5 हजार की आर्थिक मदद, बेटी का आधार कार्ड बनवाने के आदेश और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश तत्काल जारी कर दिए।