ओंकारेश्वर बांध के 12 साल बाद पहली बार लबालब करने की डेड लाईन 5 नवम्बर

खडवा। सुशील विधानि। 

पिछले 21 अक्टूबर से नर्मदा घाटी के जिले के ओंकारेश्वर बांध को पहली बार उसकी निधा्र्ररित उंचाई 196.6 मीटर तब लबालब करने के नजदीक खडे होने के स्तर  के अनुरूप खतरा उन जल सत्याग्राहियों के लिये खडा हो गया है जिनके गले से उपर अब पानी लबो तक पहुंचने के साथ जलसमाधि करने के लिए निरंतर आगे बढ़ रहा है। यह स्थिति 25 अक्टूबर से जारी सत्याग्रह पर डटे दर्जन भर प्रभावितों के लिये आज रविवार 10 वे दिन खातरा बढा गया है। पुनर्वास सहित अपने हक अधिकारों की मांग को लेकर सत्याग्रह पर डटे आंदोलनकारियों की मांग है कि उनका पुनर्वास के पहले  बांध का जलस्तर कम किया जाये। वे अपने संकल्प केे साथ जल सत्याग्रह पर डटे हुए हैं। बढ़ती ठंड और पानी का प्रभाव उनके शरीर और स्वास्थ्य पर नजर आने लगा है। इधर बांध के साथ ही बैकवाटर का स्तर भी लगातार बढ़ने से पानी में खड़े सत्याग्रहियों के गले के नजदीक तक पानी जा खडा हो गया है।करीब 2 हजार लोगो के हक अधिकारो के लिये  नर्मदा बचाओं आदोलन के बेनर तले जारी सत्याग्रह पर एनबीओ के सक्रिय कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल भी डटे हुये है। प्रशासन की ओर से एक एंबुलेंस प्रभावित गांवों में लगातार घूम रही है,।


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