भाजपा में ‘एज फार्मूला’ लाएगा बड़ा बदलाव, निकाय चुनाव से पहले मैदान में होगी नई टीम

भोपाल। मप्र में महीने भर के भीतर भाजपा संगठन का चेहरा पूरी तरह से बदल जाएगा। संगठन चुनाव में उम्र सीमा सख्ती से लागू करके भाजपा ने नए लोगों को मौका दिया है। जिससे मंडलों से लेकर जिला एवं संभाग में नेताओं के रूप में नए चेहरे सामने आएंगे। इन्हें भाजपा में दूसरी पीढ़ी के नेता बताया जा रहा है। यानी विपक्ष में रहकर 15 साल में जो गलती कांग्रेस ने की थी, उससे सीख लेकर भाजपा ने संगठन का पूरा चेहरा ही बदल दिया है और युवाओं के कंधों पर संगठन को बोझ डाल दिया है। नियक चुनाव से पहले भाजपा नई टीम के साथ मैदान में उतरेगी| 

भाजपा हाईकमान के निर्देश पर संगठन चुनाव में उम्र सीमा का फार्मूला लागू किया गया है। जिसके तहत मंडल अध्यक्ष 40 साल से ज्यादा उम्र का नहीं बनाया गया है। जिलाध्यक्षों के लिए भी 50 साल की आयु सीमा तय की गई है। इस फामूले से लगभग सभी मंडल अध्यक्ष बदल गए हैं। आयु के बंधन में उलझकर जिलाध्यक्ष भी बदल जाएंगे। क्योंकि ज्यादातर जिलाध्यक्षों की आयु 50 से ज्यादा है। चूंकि भाजपा में अंदरूनी तौर पर आयु सीमा का विरोध भी हुआ था, लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह की सख्ती की वजह से आयु सीमा में ढील देने को लेकर न तो किसी नेता ने सिफारिश की और न ही किसी ने खुलकर विरोध किया। 


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