आधुनिकता पर भारी, सीहोर में तांगे की सवारी

Heavy-on-todays-modernity

सीहोर। अनुराग शर्मा।

कभी राजे राजवाडों की शाही सवारी के रूप में जाने जाना वाला घोड़ा गाड़ी उर्फ तांगा आज आजीविका चलाने के साधन के रूप के जाना जाता है। घोड़ागाड़ी वह सवारी है जिसे एक घोड़ा खींचता है। आज के आधुनिक युग में जहाँ एक ओर यातायात के साधनों के रूप में ऑटो रिक्शा आम चलन में आ गए है, वही घोड़ागाड़ी आज भी नगर में अपनी पहचान कायम रखने के कामयाब रही है। एक समय था जब रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर तांगा वाले लाइन से सवारी बैठाने के लिए खड़े रहते थे। फिर उन्हें शहर भर की सैर कराते थे। तांगा में जुते घोड़े भी काफी सजे-संवरे होते थे। समय बदला और यातायात के साधन भी बदल गए। लेकिन नगर में तांगे की सवारी आज भी की जा सकती है। तांगे में बैठकर सीहोर घूमना बेहद मस्ती भरा अनुभव है। यहां के ज्यादातर तांगे ढके होते हैं। इस खूबी के कारण यह बैठने वाले को शाही ठाठ की अनुभूति देते हैं।


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