जबलपुर| अमित शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी और इस पर सोमवार को उस समय विराम लग गया जब पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया| दिल्ली में बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। पार्टी में मिली अहम जिम्मेदारी को लेकर जबलपुर में भी हर्ष का माहौल है। जेपी नड्डा का जबलपुर से गहरा रिश्ता है|
जेपी नड्डा की जबलपुर में ससुराल है। 1992 में जेपी नड्डा की मल्लिका बैनर्जी से विवाह हुआ था और तभी से ही वो जबलपुर आते जाते रहते है। जेपी नड्डा के भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर उनकी सास और पूर्व सासंद जय श्री बैनर्जी ने बधाई देते हुए कहा कि ये हमारे लिए ही नही जबलपुर के लिए सौभाग्य की बात है कि ये जिम्मेदारी उन्हें मिली है। उन्होंने ये भी कहा कि जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनते ही उन्होंने हमसे बात की थी और कहा कि जल्द ही वो जबलपुर आ रहे है। पूर्व सांसद ने कहा कि जेपी नड्डा को जो बड़ी जिम्मेदारी उन्हें मिली है वो उस पर पूरी तरह से खरे उतरेंगे।
ऐसा रहा सियासी सफर
जगत प्रकाश नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम पदभार संभाला। वह भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। जेपी नड्डा का ताल्लुकात हिमाचल प्रदेश से है। उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर पार्टी में ऊंचा मुकाम बनाया है। ब्राह्मण परिवार से ताल्लुकात रखनेवाले जेपी नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और बीए की पढ़ाई पटना से हुई। उन्होंने एलएलबी की डिग्री हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से हासिल की। मल्लिका नड्डा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर कार्य करती हैं। मल्लिका नड्डा के पिता जबलपुर से सांसद रह चुके हैं। जेपी नड्डा के दो बच्चे हैं। जेपी नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1975 के जेपी मूवमेंट से हुई थी। देश के सबसे बड़ा आंदोलनों में शुमार इस मूवमेंट का जेपी नड्डा हिस्सा बने थे। इस आंदोलन में भाग लेन के बाद नड्डा बिहार की छात्र शाखा एबीवीपी में शामिल हो गए थे। नड्डा ने साल 1993 में हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर सीट से चुनाव लड़ा था इस पर उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। उसके बाद नड्डा को प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। नड्डा ने साल 1998 और 2007 के चुनाव में इस सीट से फिर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस दौरान नड्डा को प्रदेश की कैबिनेट में भी जगह दी गई। प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया।