ग्वालियर।
भिंड के रेत एवं सरिया गिट्टी (रॉ मटेरियल) कारोबारी को कुछ लोगों ने अतरेटा व मडीखेड़ा रेत खदानों में भागीदारी का लालच देकर 50 लाख रुपए ठग लिए। यह खदानें एक साल पहले ही मध्य प्रदेश माइनिंग कार्पोरेशन द्वारा सरेंडर करा ली गई थीं, पर जालसाजों ने कारोबारी को सस्ती रेत व ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। घटना जनवरी 2019 की ग्वालियर की है। कारोबारी की शिकायत पर अब पुलिस ने धोखाधड़ी मामला दर्ज कर लिया है।
दअरसल, गोला का मंदिर बैंक कॉलोनी निवासी नरेन्द्र कुमार पचौरी रेत, गिट्टी व सरिया के सप्लायर हैं। उनका व्यापार वीरेन्द्र नगर लश्कर रोड भिंड में है। जनवरी 2019 में उन्हें रेत पर रॉयल्टी काटने वाले संजीव कुमार मिले थे। संजीव ने कारोबारी को बताया कि रॉयल्टी का पूरा काम वेदांश मिनिरल रिसोर्सेस कंपनी का है। यदि सस्ती रेत और बड़ी डील करनी है तो गुड़गांव में कंपनी के मालिक गगन कुमार शुक्ला से बात करनी होगी। भिंड, ग्वालियर दतिया में कंपनी का पूरा काम प्रशांत दुबे, अमित दुबे और राहुल गुप्ता देखते हैं। पहले स्टार कंपनी के नाम से काम करते थे अब वेदांश नाम से कंपनी है। फरवरी में प्रशांत, अमित व राहुल गुप्ता गोला का मंदिर में कारोबारी के घर पहुंचे और पूरी बात हुई। कारोबारी को मड़ीखेड़ा और अतरेटा जिला दतिया में रेत खदान दिखाई। इनमें 75 लाख एडवांस और 28 लाख प्रतिमाह का ऑफर किया। जब कारोबारी ने कहा कि एडवांस उसकी हैसियत से ज्यादा है कुछ कम करो। इस पर उससे कहा गया कि वह 50 लाख रुपए जमा कर दें। कंपनी उसका हिस्सा कुछ कम कर अपना हिस्सा बढ़ा देगी। उसके हिस्से में कितना मुनाफा होगा यह बैलेंस शीट के माध्यम से दिखाया जाएगा। यहां मुनाफा देखते ही कारोबारी उनके जाल में फंस गया। इसके बाद उसे खदान क्षेत्र में ले जाकर भी विजिट कराई। इसके बाद 5 लाख रुपए डील के एग्रीमेंट करने पर दिए। फिर 25 मार्च 2019 को 25 लाख रुपए कंपनी के आईसीआईसीआई जसवंत नगर ब्रांच के खाते में जमा कराए। एक दिन बाद फिर 25 लाख रुपए अपने दाल बाजार एचडीएफसी ब्रांच से जमा कराए। कारोबारी नरेन्द्र कुमार पचौरी ने खदान की डील होने के बाद अपनी टीम तैयार कर ली। वह अपनी टीम के साथ मार्च 2019 में ही अतरेटा खदान पर पहुंचे। यहां लोगों को साइट समझा रहे थे तभी वहां कुछ लोगों ने बताया कि वेदांश कंपनी पर यह खदान पहले थी। पर रॉयल्टी न भरने पर मध्य प्रदेश माइनिंग कार्पोरेशन ने दिसंबर 2019 में सरेंडर करा ली थी। व्यापारी के कोतवाली में शिकायत करने के बाद पुलिस ने 14 जून को वेदांश कंपनी के संचालक गगन कुमार शुक्ला, साझेदार प्रशांत दुबे, राहुल गुप्ता, प्रशांत का भाई अमित दुबे, संजीव कुमार, करण सिंह के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश शुरू कर दी है।