भोपाल। लोकायुक्त संगठन में विशेष पुलिस स्थापना में एसपी के खाली पदों पर आईपीएस अफसरों की तैनाती से इनकार कर दिया है। आईपीएस अफसरों की अपेक्षा लोकायुक्त राज्य पुलिस सेवा के अनुभवी अफसरों को बेहतर मानते हैं। लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता के अनुसार उनके लिए नॉन आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के वरिष्ठ वेतनमान के अनुभवी अधिकारी ही काम के साबित होंगे।
लोकायुक्त के अनुसार सीधी भर्ती के आईपीएस एसपी की लोकायुक्त पुलिस विशेष स्थापना में पदस्थापना होगी तो उसमें अनुभव की कमी के कारण लोकायुक्त पुलिस के काम में परेशानी आएगी। इसलिए लोकायुक्त में आईपीएस की पदस्थापना को लेकर साफ इनकार कर दिया है। लोकायुक्त के अलावा ईओडब्ल्यू ेमें भी एसपी के पदों पर अफसरों की पदस्थापना होती है। दोनों एजेंसी के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा व सागर में एसपी कार्यालय हैं। वहीं, ईओडब्ल्यू में तीन एआईजी भी पदस्थ हैं। सूत्र बताते हैं कि आईपीएस अधिकारी लोकायुक्त पुलिस के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के कार्यालयों में आईपीएस एसपी की पदस्थापना के लिए पदों को कैडर में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं। इसी तरह ईओडब्ल्यू के भी कुछ एसपी पदों को कैडर में लेना चाह रहे हैं।
पीएचक्यू-मंत्रालय के बीच घूम रहा है प्रस्ताव
आईपीएस का कैडर रिव्यू प्रस्ताव करीब एक साल से फाइलों में पीएचक्यू और मंत्रालय के बीच घूम रहा है। सूत्र बताते हैं कि आईपीएस अधिकारी अपने मौजूदा कैडर में 65 पदों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं। इसकी फाइल कभी गृह विभाग तो कभी वित्त विभाग से लौट चुकी है। अभी मप्र के आईपीएस कैडर में 165 पद हैं, जिन्हें आईपीएस 230 कराने की कोशिश में हैं।