भोपाल। तीन राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश) के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा नई रणनीति के साथ लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गयी है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह आगामी लोकसभा चुनाव में आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में आयेंगे। इसी के चलते सभी 29 लोकसभा सीटों पर प्रभारी और संयोजक नियुक्त कर दिए गए है। खास बात ये है कि जो नेता विधानसभा चुनाव हार गए थे, उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।भोपाल लोकसभा में उमाशंकर गुप्ता, जसवंत सिंह हाड़ा जैसे नेताओं को संयोजक और प्रभारी बनाया गया है।वही इंदौर का चुनाव संचालन अरविंद कोठेकर व रमेश मेंदोला के हाथ में होगा। ऐसे में पार्टी को इन नेताओं के कारण फिर नुकसान उठना पड़ सकता है।
दरअसल, जिन नेताओं को प्रदेशभर में लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगाया गया है, उनमें ज्यादातर के खिलाफ क्षेत्र में भारी नाराजगी है। इसी कारण या तो वे चुनाव हार गए या पार्टी ने ही उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा। संगठन से जुड़े नेताओं को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। भाजपा नेताओं का मानना है कि ऐसे में पार्टी को विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ सकता है। जिनके कारण पार्टी हारी उनके मौका ना देकर अन्य नए लोगों को आगे किया जाना चाहिए। बताते चले कि उमाशंकर गुप्ता भाजपा सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब पार्टी ने भोपाल लोकसभा चुनाव का संयोजक बनाया है। वही जसवंत सिंह हाड़ा शाजापुर से विधायक रहे जसवंत सिंह हाड़ा को विधानसभा चुनाव का टिकट देना भी उचित नहीं समझा था। उन्हें पार्टी ने भोपाल लोकसभा चुनाव प्रभारी का दायित्व सौंपा है।