कभी कांग्रेस के कब्जे में थी यह सीट, अब भाजपा का गढ़, सातवीं बार मैदान में सांसद

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मंडला| लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की साख दांव पर है| मंडला लोकसभा सीट पर भाजपा से सातवीं बार सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव मैदान में हैं| कुलस्ते पांच बार के सांसद रहे हैं| वहीं कांग्रेस ने भाजपा की सुरक्षित सीट मंडला में बड़ा सियासी दांव खेलते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बड़े नेता रहे कमल मरावी को प्रत्याशी बनाया है। करीब तीन साल पहले ही कांग्रेस में आए मरावी की बिछिया विधानसभा क्षेत्र में जड़ें खासी गहरी हैं। मोदी लहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम को 1,104,69 वोटों से हराया था। भाजपा ने एक बार फिर से उन पर विश्वास जताया है। 

मंडला-डिंडोरी संसदीय सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन बीते ढाई दशक से भाजपा का यहां कब्जा है। 2009 के चुनाव को छोड़ दें तो कुलस्ते के सहारे ही ये सीट भाजपा के पास है। कुलस्ते की जीत में हमेशा गोंगपा की अहम भूमिका रही है, जिसके पास इस इलाके का बड़ा आदिवासी वोट बैंक है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। बीजेपी में पूर्व केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने कांग्रेस के ओमकार सिंह को हराया था। इस लोकसभा सीट पर चौथे चरण में लोकसभा चुनाव होंगे। चौथे चरण में 29 अप्रैल शहडोल, सीधी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा सीटों पर चुनाव होंगे। मतों की गिनती 23 मई को की जाएगी।


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