नई दिल्ली।
एक तरफ एमपी में बीजेपी कांग्रेस सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन करने जा रही है, वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है।इस आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस ने 4 नवंबर को सभी विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें 10 दिन चलने वाले इस प्रदर्शन में सहयोग देने की अपील की जाएगी।ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती रही है। इस बैठक में सीएम कमलनाथ, कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय के शामिल होने की भी संभावना है।हालांकि बैठक में राहुल के शामिल होने पर संशय है। चुंकी इन दिनो ंराहुल विदेश दौरे पर है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, कांग्रेस देश में आर्थिक मंदी, कृषि संकट, बेरोजगारी और प्रस्तावित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौतों पर यह आंदोलन करेगी।इन मुद्दों को आधार बनाकर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ मिलकर मोदी सरकार को घेरेगी। इसके लिए कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है। विपक्ष अगर पूरी तरह से कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन में सहयोग देने को तैयार हो जाता है तो इससे मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। यह आंदोलन पांच से 15 नवबंर तक हो सकता है।
यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस इतने बड़े स्तर पर लगातार 10 दिन विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है।कांग्रेस ने यह आंदोलन ऐसे वक्त में करने का फैसला किया है जब देश में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ा है और अर्थव्यवस्था भी ढ़िली हो गई है। व्यापार में गिरावट आई है।माना जा रहा है कि इस आंदोलन से कांग्रेस पार्टी में नई जान फूंकने की तैयारी में है और विपक्षी खेमे की लामबंदी के साथ अपनी ताकत का मोदी सरकार को अहसास कराना चाहती है।
Congress calls a meeting of opposition parties on 4th Nov, seeking their support on its 10-day nationwide agitation targeting the Central Govt over issues of “economic slowdown, agrarian distress, unemployment & the proposed Regional Comprehensive Economic Partnership agreement”. pic.twitter.com/cl0vQs6aMY
— ANI (@ANI) November 2, 2019