-8 दिसम्बर, शादी की सालगिराह
-11 दिसम्बर, विधानसभा चुनाव में जीत
-25 दिसम्बर, मंत्री बने
जिले के खिलचीपुर नगर में राजघराने में राजा भारतेंद्र सिंह खिंची B/O श्री मति गायत्री देवी के यहां जन्मे प्रियव्रत सिंह का जन्म 5 दिसम्बर 1977 मैं हुआ था, जब वह 12 साल के थे तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, अपनी माता एवं बड़े भ्राता के संरक्षण में रहकर इंदौर के डेली कॉलेज में पढ़ाई की, 20 वर्ष की उम्र में क्षेत्र की ग्रामीण जनता के आग्रह पर 1998 में निर्विरोध जिला पंचायत के सदस्य मनोनीत हुए अपनी लोकप्रियता के सामने किसी ने भी विरोध में फॉर्म नहीं भरा था| कांग्रेस पार्टी ने लोकप्रियता को देखते हुए 2003 में विधायक का टिकट दिया| इस चुनाव में वे 9267 मतो से विजय होकर सबसे कम उम्र के विधायक बने| प्रियव्रत सिंह के बड़े भाई देवव्रत सिंह भारतीय सेना में मेजर के पद पर पदस्थ थे , उन्हें सेना की तरफ से दक्षिण अफ्रीका देश के ईटोपिया शहर में शांति दूत सेना के लिए भेजा गया था ,जहा से सन 31 जुलाई 2006 को एक दुःखद खबर आई ,ये दुखद खबर थी देवव्रत सिंह के शहीद होने की जिसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी अब प्रियव्रत सिंह के ऊपर आ गई थी| लेकिन बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए दोबारा खिलचीपुर विधानसभा का टिकट 2008 में कांग्रेस पार्टी ने प्रियव्रत सिंह को देकर उन्हें मैदान में उतारा ओर इस बार प्रियव्रत सिंह 13627 मतो से जीते| प्रियव्रत सिंह की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए राहुल गांधी ने इन्हें 11 मई 2011 को रिवर्सिंग का युवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया| लेकिन बाद में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा, मोदी लहर में 2013 का विधानसभा चुनाव 11 हजार मतो से हार गए । लेकिन उन्होंने हार के बावजूद अपने क्षेत्र में लोगों से मिलना, जनता की समस्या को सुनना जारी रखा| जिससे 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर उन्हें कांग्रेस पार्टी ने खिलचीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा, इस बार प्रियव्रत सिंह 29756 मतो से जीत गए और यह जीत उनके लिए लकी साबित हुई और वह मंत्री बन गए|