घर वो जगह है जहां हमारा जीवन बसा होता है। ये दुनिया की सबसे प्यारी और खूबसूरत जगह है, जहां हम अपने परिवार के साथ अपनी दुनिया बसाते हैं। इस घर में हमेशा खुशियों का, खिलखलाहटों का और सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम कुछ बातों का विशेष रूप से खयाल रखें। आईये जानते हैं कि किस प्रकार छोटी छोटी बातों का ध्यान में रख हम अपने घर को हमेशा खुशगवार और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रख सकते हैं।
जानिये यह जरूरी बातें
1- सबसे पहली और जरूरी बात है कि घर में नियमित रूप से साफ सफाई की जाए। घर की नियमित साफ-सफाई नहीं होने से दीवारों व सामानों पर धूल-मिट्टी जम जाती है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
2- घर का मुख्य दरवाजा ऊर्जा के लिए प्रवेश बिंदु है। एक दरवाजा जो बाहर खुलता है वह घर से दूर ऊर्जा को धक्का देता है, तो मुख्य दरवाजा घड़ी की दिशा में खोलने के लिए होना चाहिए। दरवाजा पूरी तरह से नहीं खुलता है, तो अवसर सीमित हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि मुख्य दरवाजे के पास लॉबी अंधेरा नहीं है। अच्छी रोशनी सकारात्मक प्रवाह को जन्म देती है और संतुलन और सद्भाव को बढ़ावा देती है।
3- आजकल दीपावली, शादी, जन्मदिन आदि अवसरों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ उपहारस्वरूप देने का चलन है। भगवान की मूर्तियों को उपहारस्वरूप देना व घर में शो-पीस के रूप में सजाना दोनों ही सही नहीं माना गया है।
4- बच्चों के पुराने खिलौनों की नियमित सफाई होना भी बेहद जरूरी है। इन टूटे-फूटे व धूल लगे खिलौनों में हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं,जिन्हें वास्तु की भाषा में नकारात्मक तत्व कहा जाता है।
5- घर में बेकार, टूटा-फूटा या जंग लगा सामान एकत्र नहीं करना चाहिए। खासकर बंद पड़ी घडि़यों व टूटी मूर्तियों का घर में होना वास्तु के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है।
6- वास्तु के अनुसार खुला-खुला हवादार घर व्यक्ति के खुले विचारों का ही प्रतीक माना जाता है। अत: आपका घर जितना हवादार व खुला होगा उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में प्रवेश करेगी।
7- खाली पड़े व बिखरे बर्तन घर के खालीपन के संकेत होते हैं।सजावट के लिए हम मिट्टी व टेराकोटा के कई प्रकार के बर्तनों, घड़ों आदि का उपयोग करते हैं। इन्हें घर में सजाना तो ठीक है परंतु यहाँ-वहाँ लुढ़के व खाली पड़े बर्तन वास्तु में अच्छे नहीं माने जाते हैं।
8- एक्वैरियम पानी चलने के समान हैं और यह उत्तर-पूर्व की तरफ रखे जाने पर शुभ है। मुख्य दरवाजे का सामना करने वाला पेड़, ध्रुव या खंभा होने से बचें। इसे एक बौद्ध वेद (दरवाजा बाधा) कहा जाता है।
9- रसोईघर में दवाएं न रखें। घर पर एक शांत प्रभाव के लिए, एक दीया, कपूर को हल्का करें या चंदन की तरह सुगंधित सुगंध जोड़ें। सुबह में कुछ समय के लिए घर पर सुखदायक दिव्य संगीत या मंत्रों का जप करना चाहिए।
10- बाथरूम के दरवाजे को बंद रखें।उपयोग में नहीं होने पर हमेशा शौचालय बंद व ढंककर रखें। सुनिश्चित करें कि घर पर कोई लीकिंग नलियां नहीं हैं।
11- आराम करते समय सभी इलेक्ट्रॉनिक और वाई-फाई सिस्टम बंद करें। सुनिश्चित करें कि फर्नीचर किनारों तेज नहीं हैं।
12- घर के सजावट में लाल, काले और भूरे रंग के अत्यधिक उपयोग से बचें। घर पर सजावट के लिए लगे हुए चित्र हमेशा सकारात्मक होने चाहिए। युद्ध,अकेलापन, गरीबी इत्यादि चित्रित तस्वीरों से बचें। सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए,प्रकृति की तस्वीरों को सजाएं।