मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। रात 11:00 बजे ऑफिसर कॉलोनी में रहने वाले जिला न्यायालय में पदस्थ मनीराम खडाई के मकान का पीछे का हिस्सा अचानक गिर गया। मनीराम ने बताया की कई सालों से यह मकान जर्जर हो रहे हैं। कहीं बड़े प्रशासन में अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की मगर कोई सुध लेने वाला नहीं है कल एक बड़ी घटना होते होते टली।
ऑफिसर कॉलोनी इन मकानों की जवाबदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की है, आसानी से यह समझा जा सकता है कि ऑफिसर कॉलोनी की यह स्थिति है तो बाकी सरकारी अधिकारी या निम्न स्तर के कर्मचारियों के घरों की क्या स्थिति होगी पीडब्ल्यूडी शायद बहुत बड़े हासे का होने का इंतजार कर रहे हैं।
कई सालों से ऑफिसर कॉलोनी के घरों का मेंटेनेंस नहीं किया गया। ऑफिसर कॉलोनी के घर पूरे जर्जर हो रहे हैं शीघ्र ही कुछ भी बड़ा हादसा होने की संभावना है। प्रशासन को कितनी बार अवगत करा दिया गया है स्थिति से उसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है जब सरकारी कर्मचारियों की बात पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है आम जनों पर क्या स्थिति होगी।
इसको समझना बहुत आसान बात अगर इसी का दूसरा पहलु देखा जाए। किसी आम व्यक्ति का मकान जर्जर हो रहा हो नगर पालिका पीडब्ल्यूडी जाकर मकान को गिरा देती है और जब सरकारी भवन हॉस्पिटल स्कूल सरकारी क्वार्टर की यह हालत है। तो प्रशासन क्यों अलग से कानून बना रहा है कानून तो सबके लिए एक जैसे हैं। फिर इनके ऊपर मेंटेनेंस यह जर्जर अवस्था के मकानों को क्यों नहीं गिरा रहा है शासन-प्रशासन पीडब्ल्यूडी विभाग नगर पालिका इस तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रही।