सीहोर| मध्य प्रदेश में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने नर्मदा नदी से अवैध रेत उत्खनन को लेकर सरकार की जमकर घेराबंदी की, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अवैध उत्खनन का मुद्दा ही खो गया है, वहीं धड़ल्ले से अवैध उत्खनन चल रहा है| प्रशासन और राजनेताओं की मिलीभगत से सीहोर जिले में धड़ल्ले से खनन का कारोबार चल रहा है। सूत्रों से खबर है यह भी है राजनेताओं और अधिकारियों की खदान मै सेटिंग है, वही नर्मदा नदी का जलस्तर पूरी तरह से गिर गया है |
दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान दोनों ने नर्मदा की परिक्रमा की थी, दोनों नेता खुद को नर्मदा पुत्र कहते है| लेकिन दोनों राजनेताओं ने खनन को लेकर चुप्पी साधी है, लेकिन जब कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी तब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा बुधनी में कांग्रेस ने नर्मदा की पोल खोलो अभियान के तहत बड़ा आयोजन किया गया था| उस दौरान बड़े-बड़े वादे किए गए थे खनन को लेकर लेकिन अब ना ही कांग्रेस के नेता दिखाई दे रहा है और ना ही कोई खनन पर कार्रवाई हो रही| सीहोर जिले में दो लोकसभा सीट आती है, एक विदिशा और एक भोपाल, दोनों ही हाई प्रोफाइल सीट पर अवैध उत्खनन मुद्दा सबसे बड़ा है, लेकिन चुनाव में यह मुद्दा दिखाई नहीं दे रहा है|
रेत माफियाओं के आगे कलेक्टर के आदेश की अवहेलना
सीहोर जिले में कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा ने सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक रेत को लेकर परमिशन दी थी बाहर निकालने की जिसमें भी नियम थे उन नियम के तहत निकलना था | कलेक्ट्रेट मै बैठक के दौरान यह पूरी बातें खनिज अधिकारी ने प्रमुखता से रखी थी, खनन को रोकने के लिए माइनिंग विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग को कलेक्टर ने 12.4.2019 को आदेश जारी किए थे | लेकिन जब ग्राउड जीरों से देखा तो रात मै दो बजे रेहटी गोपालपुर नसरुल्लागंज मै बिना रायल्टी के पचास से सौ रेत से भरे डम्पर निकल रहै है | पुलिस विभाग के नसरुल्लागंज में दो आरक्षक मिले, रेत के डम्परों के पास जैसे ही कैमरा पहुचा उनके पास तो भाग गए, लेकिन कैमरे मै कैद हो गए, वही हंड्रेड डायल के सामने से रेत से भरे हुए डंपर रात में निकल रहे है ना ही कोई पुलिस का खौफ है और ना ही प्रशासन का| अब देखना है जो राजनेता और अधिकारी बडी बडी बाते करते है क्या करेगें कारवाई या फिर खुलेआम चलता रहेगा खेल।
सवाल प्रशासन से
1क्यों हो रहा है प्रशासन तत्र कमजोर खननमाफिया के आगे
2 एसडीएम तहसीलदार पर नसरुल्लागंज में रेत माफिया ने बन्दुक निकलकर हमाला किया था और डम्पर छुडकर ले जा रहे थे वह रेतमाफिया आजतक नसरुल्लागंज पुलिस की पकड मै क्यों नही, प्रशासन के तत्र पर हमला किया था छह माह से अधिक हो गया एसडीएम का तबादला भी हो गया लेकिन पुलिस पर सवाल खडे हो रहे।
3 प्रशासन एक छोटा सा कर्मचारी चाहे तो रात में खनन के परिवाहन को रोक सकता है, फिर क्यों नहीं रोका जा रहा|
4 तात्कालिन कलेक्टर एसपी सहित माईनिंग इस्पेक्टर रशमी पांडे ,शातिलाल निमामे ,रीना पाठक याद आते है कारवाई और खननमाफिया मै खौफ था