सीहोर। अनुराग शर्मा।
अंधविश्वास एक ऐसी बीमारी है जिसे खत्म करने के लिए सरकार से लेकर गैर सरकार संस्थाएं विभिन्न प्रकार के जागरुकता अभियान चलाती हैं। लेकिन आज भी लोग अंधवश्वास पर अपनी आस्था रखते हैं। ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के ग्राम लसूड़िया परिहार मे सामने आया है। इस गांव में दिवाली पर नागों की अदालत लगती है। ऐसी मान्यता है कि नाग मानव शरीर में आने के बाद लोगों को डसने का कारण बताते हैं। यह प्रथा सालों से चली आ रही है।
जमाना भले ही चांद और मंगल ग्रह की बात करें पर सीहोर के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में आज भी सर्पदंश से पीडि़त लोग स्वस्थ होने के लिए मंदिर में आते है। अब आप इनके इस विश्वास को आस्था कहे या अन्धविश्वास इससे इनको कोई फर्क नही पड़ता है और ये आस्था या अंधविश्वास की प्रथा 100 वर्षो से चली आ रही है। सीहोर के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सालोंं से नागों की अदालत लगती है, जहां पेशी पर नाग स्वयं मानव शरीर में आकर डसने का कारण बताते हैं। साथ ही बडी संख्या में यह लोग अपनी पुकार लेकर आते साथ ही दुख संकट भी यह से दूर होते है
मप्र की राजधानी भोपाल के सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को यह नजारा देखने को मिलता है। मध्य प्रदेश के कई जिलों से यहां पर लोग पहुंचते हैं श्रद्धालु कल सोमवार को सुबह 10:00 बजे से मंदिर में पहुंचे जिनके शरीर में नागा आते है।