अवंतिका नगरी के राजा महाकाल आज मन महेश स्वरूप में चांदी की पालकी में विराजमान होकर अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलने वाले हैं।
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सावन महोत्सव 8 जुलाई से 9 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। ऐसे में बाबा महाकाल के 10 सवारियां निकाली जाएंगी। साथ ही सांस्कृतिक और शास्त्रीय गायन के आयोजन भी किए जाएंगे।
बाबा महाकाल के दरबार में सावन के महीने में भक्तों सबसे ज्यादा पहुंचते हैं। इसी को देखते हुए अलग-अलग मार्गदर्शन व्यवस्था की जा रही है। वहीं लड्डू प्रसाद भी महंगा हो गया है।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हर काम बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसके लिए टेंडर निकलते हैं। इसी कड़ी में महाकालेश्वर गर्भ गृह की रजत मंडित दीवारें, चांदी द्वार और बाबा के आभूषणों की साफ-सफाई दिल्ली के एक व्यापारी द्वारा करवाई जाती है।
बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इसी को देखते हुए तमाम तरह की व्यवस्था है मंदिर समिति और प्रशासन द्वारा की जा रही है।
महाकाल लोक में हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोलेनाथ की महिमा का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं। लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर अब सुरक्षा के बेहतरीन इंतजाम किए जा रहे हैं।
5 उज्जैन दर्शन बस की भी शुरुआत जुलाई महीने से की जा रही है। नानाखेड़ा बस स्टैंड और देवास गेट बस स्टैंड से इस बस में भक्त बैठ सकेंगे। ये बस भक्तों को उज्जैन के जंतर-मंतर, चिंतामन गणेश, महाकालेश्वर मंदिर, गढ़कालिका माता मंदिर के साथ कई जगहों पर घुमाएगी और दर्शन करवाएगी।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सावन लगते कावड़ यात्रियों के आने का दौर शुरू हो जाएगा। यात्री संघ को प्रवेश के लिए मंदिर समिति से अनुमति लेनी होगी।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा गर्भगृह में 2 महीने के लिए प्रवेश बंद करने के साथ ही लड्डू प्रसादी की कीमत में बढ़ोतरी की गई है।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सावन महीने के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो जाता है। आम लोगों के साथ कावड़ यात्रियों का दल भी बाबा को जल अर्पण करने के लिए मंदिर पहुंचता है।