गोल्ड लोन एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है, जहां लोन की राशि के लिए गोल्ड को सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रखा जाता है। गोल्ड लोन का भुगतान हो जाने तक बैंकों या गोल्ड लोन देने वाली संस्थाओं द्वारा इसे सुरक्षित लॉकर में रखा जाता है।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आपात स्थिति में गोल्ड लोन लेना पर्सनल लोन लेने से बेहतर है। पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट अधिक होती हैं, जबकि गोल्ड लोन की इंटरेस्ट रेट थोड़ी कम होती है।
आप बैंक या एनबीएफसी, जहाँ से आप गोल्ड लोन लेना चाहते हैं, अपना गोल्ड लेकर जाते हैं, तब वे आपके गोल्ड की शुद्धता की जाँच करते हैं। गोल्ड का वजन, उसकी प्योरिटी और मार्केट वैल्यू के मुताबिक वे इसका आकलन करते हैं।
गोल्ड लोन के लिए अप्लाई करते वक्त आपको अपने गोल्ड (सोने के सिक्के, गहने या बिस्किट, जो भी हों) को साथ ले जाना जरूरी होता है। इसके बाद बैंक के कर्मचारी आपके गोल्ड का वैल्युएशन करते हैं।
गोल्ड लोन का आवेदन करने के लिए आपको पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड या पैन की आवश्यकता पड़ेगी। एड्रेस प्रूफ के लिए आपको बिजली बिल या टेलीफ़ोन बिल देना होगा। इसके अलावा, अपने फोटोग्राफ भी आपको देने होंगे।
गोल्ड लोन का आवेदन करने के लिए आपको पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड या पैन की आवश्यकता पड़ेगी। एड्रेस प्रूफ के लिए आपको बिजली बिल या टेलीफ़ोन बिल देना होगा। इसके अलावा, अपने फोटोग्राफ भी आपको देने होंगे।
अगर आप समयबद्ध तरीके से अपने गोल्ड लोन को चुकाने में नाकाम रहते हैं तो बैंक या लोन देने वाली संस्था आपको एक फॉलो-अप रिमाइंडर भेजता है और पेनाल्टी के तौर पर लेट पेमेंट फीस लगाता है
रिमाइंडर्स के बावजूद यदि आप लोन को नहीं चुकाते हैं तो गिरवी रखे गए आपके गोल्ड पर लोन देने वाले बैंक या वित्तीय कंपनी का कानूनन अधिकार हो जाता है और वे उसे जब्त कर सकते हैं।