भारत में आम की प्रसिद्ध किस्में और ऐसे करें इन आमों की पहचान

आमों को 'फलों का राजा' कहा जाता है. भारत में आम की लगभग 1500 किस्में उगाई जाती हैं, प्रत्येक किस्म का एक अलग स्वाद, आकार और रंग होता है l

आम की ये किस्म तोते की चोंच की तरह दिखती है ये स्वाद में लाइट और हरे रंग का होता है. ये कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में होता है.  इस आम का स्वाद अन्य किस्मों की तरह मीठा नहीं होता है l

तोतापुरी

महाराष्ट्र में मूल रूप से होने वाली ये किस्म अब गुजरात और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी उगाई जाती है, कुछ खबरों के अनुसार ये सबसे महंगी किस्म है जिसे दुनिया के अन्य हिस्सों में भी निर्यात किया जाता है. इसकी एक प्राकृतिक  सुगंध होती है, छिलका भगवा रंग का होता है, ये बिना फाइबर के होते हैं l

हापुस आम

ये आम मीठा होता है, फिर भी इसमें थोड़ी सी खटास होती है  इसकी सुगंध आपके मुंह में लंबे समय तक रहती है, ये शेक बनाने के लिए बहुत अच्छा होता है, इसके गूदे का रंग पीला होता है, ये बाहर से लाल रंग और अंदर पीले रंग का होता है l

सिंधुरा आम

मशहूर ‘रत्नागिरी आम’ महाराष्ट्र क्षेत्र के रत्नागिरी, देवगढ़, रायगढ़ और कोंकण में पाया जाता है और दिलचस्प बात ये है कि प्रत्येक आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है, ये आम भारत में पाए जाने वाले आम की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है और सबसे महंगा भी है, ये आम सिरे की तरफ से लाल रंग का होता है, इस किस्म की आसानी से पहचान की जा सकती है l

रत्नागिरि

ऐसा माना जाता है कि उत्तर भारत और बिहार में लोकप्रिय, इस किस्म को शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल के दौरान सोलहवीं शताब्दी में लगवाया था. बिहार के एक शहर के नाम पर इस किस्म का नाम है. ये आमा मीठा होता है और ये बाहर से चमकीले पीले रंग होता है l

चौसा

ये किस्म देश के हर हिस्से में उगाई जाती है, जो आमतौर पर जून में पाई जाती है, ये बाहर से नारंगी दिखता है, ये अन्य किस्मों की तुलना में छोटे होते हैं l

नीलम