निर्जला का अर्थ निराहार और निर्जल रहकर व्रत करना है. इस दिन व्रती को अन्न तो क्या, जलग्रहण करना भी वर्जित है, यानी यह व्रत निर्जला और निराहार ही होता है, शास्त्रों में यह भी उल्लेख मिलता है कि संध्योपासना के लिए आचमन में जो जल लिया जाता है, उसे ग्रहण करने की अनुमति है l